कोलकाता रेप केस: बेटी का दाह संस्कार करने के लिए मजबूर हुए… मृतका के मां-पिता का छलका दर्द

कोलकाता रेप मर्डर केस मामले में न्याय की मांग को लेकर कोलकाता सहित पूरे पश्चिम बंगाल में बुधवार की रात को लाइटें बंद कर प्रदर्शन किया गया. पीड़िता के पिता, मां और रिश्तेदार आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस अवसर पर मृतका के पिता ने कहा कि वे पहले भी कह चुके हैं कि पूरा मामला सामान्य नहीं था. उन्होंने कहा कि किसी मजबूरी के तहत उस दिन उनकी बेटी का अंतिम संस्कार करना पड़ा.
लेडी डॉक्टर की नृशंस हत्या के मामले में सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय के अलावा अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. मृतका के माता-पिता ने न्याय की मांग को लेकर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है. इस अवसर पर मृतका की मां ने कहा, “मैं चाहती हूं कि अपराधियों की भी मेरी तरह नींद हराम हो जाए.”
इस दिन पीड़िता के पिता ने कई सवाल उठाए. उन्होंने सवाल किया, ”शव परीक्षण में देरी क्यों हुई? असामान्य मौत का मामला क्यों दर्ज किया गया? निःशुल्क दाह संस्कार की व्यवस्था किसने की? पोस्टमार्टम से पहले आत्महत्या की बात क्यों कही गई? हमें जवाब कौन देगा, पुलिस या अस्पताल अधिकारी?
मृतका के पिता ने पुलिस पर लगाए आरोप
उन्होंने पुलिस पर सनसनीखेज आरोप लगाए. मृतका के पिता ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें पैसे की पेशकश की थी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी बार-बार झूठ बोल रही हैं.
मृतका के चाचा ने कहा, ”मुझे उस दिन (9 अगस्त) सुबह 10:55 बजे खबर मिली. हम एक घंटे के अंदर कार लेकर अस्पताल पहुंचे. हम चारों एक साथ आये. शव का अंतिम संस्कार होने तक पुलिस ने हमें घेरे रखा. कम से कम तीन से चार सौ पुलिसकर्मियों ने हमारे परिवार को हिरासत में ले रखा था.”
लाइटें बंद कर प्रदर्शन
गौरतलब है कि 8 अगस्त को नाइट शिफ्ट में डॉक्टर थी. अगली सुबह उनका शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बरामद किया गया. कथित तौर पर उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. इस घटना में संजय रॉय नाम के एक सिविक वालंटियर को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जांच अपने हाथ में लेने के बाद सीबीआई ने संजय को पुलिस से रिमांड में ले लिया.
हालांकि, डॉक्टर की हत्या के मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया. इस बपीच, जूनियर डॉक्टरों ने एक घंटे के लिए लाइटें बंद करके एक अनोखे विरोध का आह्वान किया था. उनके आह्वान पर राजभवन में रात 9 बजे लाइटें बंद कर दी गईं. विक्टोरिया मेमोरियल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर सहित शहर के लगभग विभिन्न हिस्से अंधेरे में डूबे रहे.

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