Teachers Day: कौन थे शेयर बाजार के बिग बुल के गुरु? उनकी सलाह पर चेले भी बन गए करोड़पति

आज तारीख है 5 सिंतबर. हमेशा की तरह आज भी बाजार खुलेगा. लोग ट्रेड करेंगे. पैसा बनाएंगे और मार्केट बंद होगा तो अपने घर चले जाएंगे. यह साइकल हर रोज चलता रहता है, लेकिन इस साइकल के बीच में जब तारीख की सुई 5 सितंबर पर आकर खड़ी होती है तो हर इंसान अपने जीवन के उस गुरु को याद करता है, जिसने उसे सफलता की राह दिखाई होती है. इसलिए आज हम आपको बाजार के उस गुरु के बारे में बताने वाले हैं, जिसके सलाह पर चेले भी करोड़पति बन गए. इतना ही नहीं हम आपको उस गुरु के साथ चेले के बारे में भी बताने वाले हैं, जिसे आज के युवा गुरु मानते हैं.
वॉरेन बफे के गुरु?
दुनिया भर के निवेशक वॉरेन बफे को अपना गुरु मानते हैं, लेकिन बफे के गुरु बेंजामिन ग्राहम थे. ग्राहम को वैल्यू इनवेस्टिंग का जनक माना जाता है. उन्होंने ऐसे शेयरों की पहचान और खरीदारी पर जोर दिया जो अपनी वास्तविक कीमत से कम प्रदर्शन पर ट्रेड हो रहे होते. 1920 के दशक में उनके इनवेस्टिंग तरीकों ने निवेश जगत में क्रांति ला दी थी. ग्राहम के शिष्यों में बफे समेत कई बड़े और सफल निवेशक शामिल हैं. उनकी 1949 में आई किताब The Intelligent Investor आज भी एसेट मैनेजर्स और स्टॉक ट्रेडर्स के लिए एक सबसे फेमस बुक में से एक मानी जाती है.
नाम तो सुना होगा…
नाम है वॉरेन बफे. उनको वैश्विक निवेशकों का महागुरु कहा जाए तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी. उनका जन्म 30 अगस्त 1930 को अमेरिका के नेब्रास्का में हुआ था. बफे ने 11 साल की उम्र में अपना पहला शेयर खरीदा और 13 साल की उम्र में पहली बार टैक्स फाइल किया. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने स्टॉक मार्केट में निवेश की जर्नी काफी लेट शुरू की थी. अब सोचकर देखिए कि जो लड़का 11 साल में पहला निवेश कर देता है, उसे फिर भी यह लेट लगता है.
आज उनकी कंपनी बर्कशायर हैथवे का कारोबार कई सेक्टर में फैला हुआ है. इस साल कंपनी के मार्केट कैप में 200 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है. बर्कशायर हैथवे का ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी प्रमुख कंपनियों में हिस्सा है. दूसरी तिमाही में कंपनी के पास नकदी 276.9 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. बफे, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में सातवें स्थान पर हैं. उनका मानना है कि निवेश में जोखिम तब ही होता है, जब आप यह नहीं समझते कि क्या करना चाहिए. इसलिए निवेश को हमेशा सोच-समझकर करना चाहिए.
भारत का बिगबुल?
भारत के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला को ‘भारत का वॉरेन बफे’ और ‘बिग बुल ऑफ इंडिया’ कहा जाता था. उनके निवेश के तरीके ने देश में वेल्थ मैनेजमेंट की दिशा को बदल दिया. उन्होंने निवेशकों को बाजार का सम्मान करना और निवेश की बारीकियों को समझना सिखाया. झुनझुनवाला संयम और अनुशासन को सबसे महत्वपूर्ण मानते थे. उनका कहना था कि नाकामी, विकास और सुधार के लिए आवश्यक है, और हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए. 5 जुलाई 1960 को जन्मे झुनझुनवाला ने केवल 5000 रुपए के साथ शेयर बाजार में कदम रखा था. उनके बारे में कहा जाता था कि वह जिस चीज को छूते थे, वह सोना बन जाती थी. 14 अगस्त 2022 को उनका निधन हो गया.

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