Petrol Vs Diesel Vs CNG: पेट्रोल-डीजल या सीएनजी, कौन-सी कारें फैलाती हैं ज्यादा पॉल्यूशन?
मिडिल क्लास इंडियन फैमिली फिलहाल तीन तरह के फ्यूल ऑप्शन वाली कारों पर ही पैसे खर्च करती है- इनमें शामिल हैं पेट्रोल, डीजल और CNG मॉडल. यहां पर लोग अक्सर परफॉर्मेंस, माइलेज, डिजाइन, फीचर्स और कीमत जैसे फैक्टर को अहमियत देते हैं, लेकिन पॉल्यूशन को लेकर बातें कम ही की जाती हैं. जबकि नई कार लेते हुए पॉल्यूशन पर सोचा-समझा जाना चाहिए.
पेट्रोल, डीजल और CNG कारों के पॉल्यूशन के लेवल में अंतर उनके फ्यूल टाइप और इस्तेमाल के तरीके पर निर्भर करता है. आइए जानते हैं कि इनमें से कौन-सी कारें अधिक प्रदूषण फैलाती हैं…
पेट्रोल कार से पॉल्यूशन
पेट्रोल इंजन वाली गाड़ियां खास तौर से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) उत्सर्जित करती हैं.
पेट्रोल कारें नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM) का उत्सर्जन कम करती हैं, लेकिन इनसे CO2 की मात्रा अधिक होती है, जो ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा दे सकता है.
डीजल कार से पॉल्यूशन
डीजल कारें पेट्रोल कारों के मुकाबले अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM) उत्सर्जित करती हैं. ये दोनों ही गैसें इंसानों की हेल्थ और एनवायरमेंट के लिए हानिकारक हैं. डीजल इंजन आमतौर पर फ्यूल को ज्यादा बेहतर तरीके से इस्तेमाल करते हैं और पेट्रोल की तुलना में कम CO2 उत्सर्जित करते हैं, लेकिन उनका NOx और PM का लेवल पेट्रोल से ज्यादा होता है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है.
CNG कार से पॉल्यूशन
कंप्रेस्ड नैचुरल गैस (CNG) को तीनों ऑप्शन्स में से सबसे क्लियर फ्यूल माना जाता है. CNG कारें पेट्रोल और डीजल इंजन की तुलना में कम CO2, NOx, और CO उत्सर्जित करती हैं. CNG कारों से पार्टिकुलेट मैटर (PM) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) का उत्सर्जन लगभग न के बराबर होता है. इसलिए, ये पर्यावरण के लिए बेहतर मानी जाती हैं.
डीजल कारें सबसे अधिक प्रदूषण फैलाती हैं, खास तौर नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर में.
पेट्रोल कारें CO2 और CO का अधिक उत्सर्जन करती हैं, लेकिन इनका दूसरी प्रदूषण फैलाने वाली गैसों का लेवल डीजल से कम होता है.
CNG कारें सबसे कम प्रदूषण फैलाती हैं और इन्हें एनवायरमेंट के हिसाब से बेहतर ऑप्शन माना जाता है.
कुलमिलाकर प्रदूषण के मामले में CNG कारें पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में बेहतर होती हैं.