जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे PAK शरणार्थी और वाल्मीकि समुदाय, सदियों के संघर्ष के बाद लोग उत्साहित
Jammu Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर में दस साल के लंबे इंतजार के बाद विधानसभा चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. चुनावी माहौल में हर नागरिक के मन में एक नई उम्मीद जगी है, लेकिन सबसे ज्यादा उत्साह वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज में देखा जा रहा है. यह समाज 1947 से अपने अधिकारों से वंचित रहा, लेकिन 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उन्हें पहली बार अपने अधिकार मिले हैं.
अब जबकि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इस समुदाय के लोग पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. चुनाव को लेकर इनमें गहरी खुशी और जज्बा देखा जा रहा है. पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी ही नहीं गौड़ समुदाय वाल्मीकि समुदाय भी पहली बार विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालेगा. पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी को पिछले महीने संपत्ति पर मालिकाना हक भी मिल गया है.
आरएस पुरा में खासा उत्साह, भावुक दिखे लोग
चुनावी माहौल के बीच TV9 की टीम ने जम्मू के आरएस पुरा इलाके का दौरा किया, जो भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है. और जहां बड़ी संख्या में वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी रहते हैं. यहां के लोगों ने अपनी खुशी और उत्साह साझा करते हुए कहा कि वे पहली बार विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे. कुछ लोग अपने हाथ में डोमिसाइल सर्टिफिकेट और वोटर आईडी कार्ड लिए हुए थे. सभी ये बताते हुए बेहद भावुक हो गए कि वर्षों के संघर्ष के बाद उन्हें यह दिन देखने को मिला है.
सदियों के संघर्ष के बाद मिले अधिकार
वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समुदाय के लोग 1947 (बटवारे) के बाद से जम्मू-कश्मीर में बसे हुए हैं. लेकिन लंबे समय तक उन्हें नागरिक अधिकारों से वंचित रखा गया. यह लोग लोकसभा चुनावों में तो वोट डालते थे, लेकिन राज्य के विधानसभा, नगर पालिका और पंचायत चुनावों में उन्हें मतदान करने का अधिकार नहीं था. इसके साथ ही, उन्हें जम्मू-कश्मीर की किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता था.
साथ ही जम्मू कश्मीर की नौकरियों में भी अधिकार नहीं था और ना ही वे अपनी जमीनों के मालिक माने जाते थे. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उन्हें पहली बार यह अधिकार प्राप्त हुए हैं. 5 अगस्त 2019 को संसद से धारा 370 निरस्त होने के साथ इन्हें मतदान का हक और नागरिकता मिली. वहीं, पिछले महीने पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी को मालिकाना हक भी प्राप्त हो गया है.
धारा 370 हटने के बाद पहली बार मिले अधिकार
पहले जम्मू-कश्मीर में स्टेट सब्जेक्ट कानून लागू था, जो सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेषाधिकार देता था. इसके चलते वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज के लोग राज्य के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अधिकारों से वंचित थे. हालांकि, धारा 370 हटने के बाद उनकी दशा बदली और उन्हें समान अधिकार प्राप्त हुए. अब जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, यह समाज पहली बार अपने वोट का उपयोग करेगा, और इसके प्रति उनमें जबरदस्त उत्साह है.
25 हजार परिवार, डेढ़ लाख से अधिक मतदाता
वेस्ट पाकिस्तान रिफ्यूजी समाज के करीब 25,000 परिवार जम्मू-कश्मीर में रहते हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख वोटर हैं. यह सभी लोग पहली बार अपने अधिकारों का उपयोग करेंगे और विधानसभा चुनाव में वोट डालेंगे. TV9 से बात करते हुए कई लोग भावुक हो गए. उनका कहना है कि एक डोमिसाइल सर्टिफिकेट ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है. पहले उन्हें जम्मू-कश्मीर की योजनाओं का लाभ नहीं मिलता था और ना ही वे अपनी जमीनों के मालिक माने जाते थे, लेकिन अब यह सारे अधिकार उनके पास हैं.
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चुनाव आयोग के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में कुल तीन चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होगा. इसके लिए पहले चरण में मतदान 18 सितंबर को होंगे, जिसमें कुल 24 सीटों पर वोटिंग होगी. दूसरा चरण का 25 सितंबर और तीसरे चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान होंगे. वहीं, इसके नतीजे 8 अक्टूबर को मतगणना के बाद जारी किए जाएंगे.