नहीं बदलेगा बांग्लादेश का राष्ट्रगान, धार्मिक सलाहकार ने अटकलों पर लगाया विराम

बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने शनिवार को कहा कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है. हुसैन ने कहा कि अंतरिम सरकार कुछ भी ऐसा नहीं करेगी, जिससे विवाद पैदा हो. हुसैन का यह बयान बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी की ओर से इस हफ्ते की शुरुआत में देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग करने के बाद आया है.
एएफएम खालिद हुसैन ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ मदरसे के छात्र भी दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी हमले या तोड़फोड़ से मंदिरों की सुरक्षा करेंगे.
राष्ट्रगान बदलने की चर्चाओं पर विराम
दरअसल बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की चल रही चर्चाओं पर शनिवार को विराम लग गया. धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने कहा कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने राजशाही में इस्लामिक फाउंडेशन का दौरा करने और गणमान्य व्यक्तियों की एक सभा में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि अंतरिम सरकार ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे विवाद हो.
राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव का आह्वान
जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने इस हफ्ते की शुरुआत में बांग्लादेश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव का आह्वान किया था. उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं.
बांग्लादेश के अस्तित्व के खिलाफ
उन्होंने कहा था कि हमारे पास जो राष्ट्रगान है, वह हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है. यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय के समय को दर्शाता है. यह गान 1971 में भारत द्वारा हम पर थोपा गया था. कई गाने राष्ट्रगान के रूप में काम कर सकते हैं. सरकार को एक नए राष्ट्रगान का चयन करने के लिए एक नया आयोग बनाना चाहिए.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *