Big Bazaar Downfall: रिटेल किंग की एक गलती से कैसे डूबता चला गया घर-घर शॉपिंग ट्रेंड बदलने वाला बिग बाजार
एक समय था जब लोग शॉपिंग के लिए मॉल नहीं जाते थे बल्कि गली कि लोकल दुकान से ही कपड़े या सामान लिया करते थे. तब इतना ऑनलाइन शॉपिंग का भी कल्चर नहीं था, मॉल भी कम ही थे जहां सिर्फ बड़े लोग शॉपिंग करने जाया करते थे. ऐसे में भारत के रिटेल किंग ने लोगों के शॉपिंग के तरीके को समझा और उनके लिए एक छत के नीचे खरीदारी के लिए ‘बिग बाजार’ खोल दिया. इस बिग बाजार ने लोगों के शॉपिंग का ट्रेंड बदल दिया और दिग्गज कारोबारी किशोर बियानी रिटेल किंग बना दिया.
बात है साल 2001 कि जब देश में पहला बिग बाजार का स्टोर खुला. लोगों में बिग बाजार का इतना जोश था कि महज एक दिन में कंपनी ने 30 करोड़ का कारोबार किया. पहले दिन की टैगलाइन ‘सबसे सस्ता, सबसे अच्छा’ ने घर-घर पहचान दिलाई. लेकिन अब बिग बाजार को चलाने वाली कंपनी कंगाल हो चुकी है. किशोर बियानी की एक गलती से रिटेल किंग कंगाल बनते चले गए और बिग बाजार का कारोबार डूबता गया. आखिर इतना पॉपुलर ब्रांड कैसे इतिहास बनने के कगार पर पहुंच गया है. आइए समझते हैं पूरा माजरा…
रिटेल किंग कैसे बने किशोर बियानी?
सबसे पहले इस कंपनी के मालिक के बारे में बताते हैं. उनका नाम किशोर बियानी है. एक दशक पहले तक ये नाम रिटेल किंग के तौर पर पहचाना जाता था. बियानी ने Future Retail के जरिए रिटेल कारोबार का एक पूरा साम्राज्य खड़ा कर दिया था, लेकिन जिस तरह से उन्होंने फ्यूचर रिटेल को फर्श से अर्श पर पहुंचाया. ठीक उसी तरह अब कंपनी अर्श से फर्श पर पहुंच गई है.
बिग बाजार का कैसे आगाज?
दरअसल, Big Bazaar फ्यूचर रिटेल का फ्लैगशिप ब्रांड है. लेकिन ऐसा नहीं है कि रातों-रात ये इतना बड़ा नाम बन गया. इसके शुरू होने की कहानी काफी पुरानी है. 1987 में Manz Wear Private Limited नाम से कंपनी की शुरुआत हुई थी. 1991 में कंपनी का नाम बदलकर Pantaloon Fashions (India) Limited कर दिया. 1992 में कंपनी का IPO आया. 1994 में Pantaloon Shoppe के नाम से देशभर में एक्सक्लूसिव मेन्सवियर स्टोर की शुरुआत की गई. कंपनी ने देश में मल्टी-ब्रांड रिटेल स्टोर के जरिए ब्रांडेड कपड़ों की बिक्री शुरू की.
Pantaloon Retail ने 2001 में महज 22 दिनों के भीतर कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद में तीन Big Bazaar Stores की शुरुआत की. 2002 में फूड बाजार सुपरमार्केट चेन की शुरुआत हुई. इसके बाद 2003 में बिग बाजार ने नागपुर में स्टोर ओपन कर टीयर-2 शहरों में प्रवेश किया. 2007 में कंपनी ने कानपुर में अपने 50वें स्टोर की शुरुआत की थी. उसके बाद देखते ही देखते हर शहर में बिग बाजार खुल गए और लोगों की भीड़ उमड़ने लगी.
इस डील के टूटने पर हुआ भारी नुकसान
साल 2019 में फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में किशोर बियानी 80वें नंबर पर थे. 2019 से पहले उनका कारोबार तेजी से फैल रहा था. किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप बीते कुछ साल से वित्तीय संकट से जूझ रहा है. यह तब हुआ, जब फ्यूचर रिटेल लिए गए कर्ज का भुगतान करने में फेल हो गई. इसके बाद बैंकों ने कंपनी के गिरवी रखे शेयरों को जब्त कर लिया. उसके बाद कर्ज उतारने के लिए किशोर बियानी ने रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (RRFLL) से 24,713 करोड़ रुपये में एक सौदा किया, जिसमें फ्यूचर रिटेल को बेचने का फैसला हुआ. लेकिन अमेजन (Amazon) के विरोध के कारण ये सौदा कानूनी अड़चनों में फंस गया. उसके बाद रिलायंस भी सौदे से पीछे हट गया, और किशोर बियानी की कंपनी कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से दिवालिया हो गई.
दरअसल, साड़ियों के कारोबार से बिग बाजार तक के सफर तक पहुंचने वाले मारवाड़ी परिवार में जन्मे किशोर बियानी ने 1987 में पैंटालून की शुरुआत की थी. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने इस कारोबार को साल 2012 में आदित्य बिड़ला ग्रुप को बेच दिया. पैंटालून और बिग बाजार की शुरुआत बियानी ने कोलकाता से की थी.
कोरोना से बाद बदल गई किस्मत
किशोर बियानी के करियर की शुरुआत मुंबई में 1980 में स्टोन वॉश डेनिम फैब्रिक की बिक्री से शुरू हुई थी. उनका सपना हर किसी तक अपने खुद के लेबल के प्रोडक्ट को पहुंचाना था, और कुछ हदतक वो इसमें सफल भी रहे. महज 26 साल की उम्र में किशोर बियानी ने पैंटालून की शुरुआत की थी.
किशोर बियानी के लिए साल 2019 सबसे संकट वाला रहा. उसके बाद कोरोना की वजह से संकट और गहरा गया. लगातार कर्ज बढ़ने से रेटिंग एजेंसियों ने भी रेटिंग घटा दी. जिससे फ्यूचर रिटेल के शेयर बिखर गए. एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के कुल 1,800 से अधिक स्टोर्स थे. जो देश के 420 शहरों में फैले हुए थे.
रिलायंस से डील टूटने के बाद किशोर बियानी की ये कंपनी अब दिवालिया हो गई है और नीलामी प्रक्रिया से गुजर रही है. इस कंपनी को खरीदने के लिए कुल 49 कंपनियों ने इच्छा जाहिर की हैं. जिसमें मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की कंपनी भी रेस में हैं. अब देखना ये है कि कौन बड़ी बोली लगाकर बिग बाजार को अपने नाम करता है.