पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस, भारत ने अभी तक नहीं दिया जवाब
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार भारत के साथ बातचीत करना चाहती है. इसके लिए ढाका की ओर से नई दिल्ली को आधिकारिक संदेश भी भेज दिया गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UNGA (United Nations General Assembly) में मुलाकात हो सकती है. बांग्लादेश ने भारत से न्यूयॉर्क में पीएम मोदी के साथ मोहम्मद यूनुस की बैठक का अनुरोध किया है.
भारत ने अभी तक पड़ोसी देश के इस अनुरोध का जवाब नहीं दिया है. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि सार्क देशों के संगठन को मजबूत करने के लिए भारत के साथ बात जरूरी है. मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे पर भी पीएम मोदी से मदद मांगने इच्छा जताई है. हालांकि भारत सरकार ने अभी तक इसपर कोई जवाब नहीं दिया है, पीएम मोदी सितंबर के आखिर में होने वाले UNGA कार्यक्रम में शामिल होने न्यूयॉर्क जाएंगे. जहां दोनों नेताओं की मुलाकात की उम्मीद है.
भारत को लेकर यूनुस की टिप्पणी बन सकती है अड़चन
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक भारतीय पक्ष ने अभी तक बांग्लादेश की अपील पर निर्णय नहीं लिया है और न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय बैठकों के लिए मोदी का एजेंडा अभी भी तय किया जा रहा है. अखबार ने सूत्रों का हवाला देते हुए लिखा, इस हफ्ते की शुरुआत में एक भारतीय मीडिया आउटलेट के साथ इंटरव्यू में यूनुस की टिप्पणियों के बाद मोदी और यूनुस के बीच बैठक की संभावना नहीं दिख रही है.
कौन सी टिप्पणी से नाराज है भारत?
मोहम्मद यूनुस ने PTI के साथ इंटरव्यू में भारत में रहते हुए बांग्लादेश पर टिप्पणी करने पर शेख हसीना की आलोचना की थी. साथ ही कहा था कि भारत को इस ‘नैरेटिव’ बाहर आना चाहिए कि अवामी लीग के अलावा हर राजनीतिक दल ‘इस्लामवादी’ है.
यूनुस ने कहा, “भारत अगर हसीना को अपने यहां रखता है तो शर्त ये होगी कि उन्हें अपना मुंह बंद रखना होगा. भारत में बैठकर वह बोल रही है और निर्देश दे रही है, इसे कोई पसंद नहीं करता. यह हमारे या भारत के लिए अच्छा नहीं है.” बांग्लादेश ने बड़े सख्त तरीके से कहा कि शेख हसीना को भारत में चुप रहना चाहिए क्योंकि उन्हें वहां आश्रय दिया गया है और वह वहां से प्रचार कर रही है.
यूनुस की टिप्पणी पर भारत की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन जानकार मानते हैं कि इस टिप्पणियां दोनों देशों के रिश्तों के लिए ठीक नहीं है.