15 दिन…वरना मैं खुद इमरान को रिहा कर दूंगा, मुख्यमंत्री ने शरीफ सरकार और सेना को दी खुली चुनौती
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन खान गंडापुर ने इमरान खान की रिहाई को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने चेतावनी के अंदाज में रविवार को कहा कि अगर इमरान खान को दो हफ्ते में रिहा नहीं किया गया तो मैं खुदा की कसम खाकर कहता हूं कि मैं उन्हें रिहा कर दूंगा. अगर इसके लिए गोली भी खानी पड़ी तो पहली गोली भी मैं ही खाऊंगा. साथ ही उन्होंने सेना पर भी जमकर हमला बोला.
अली अमीन ने शहबाज शरीफ सरकार से कहा कि अगर आप सेना को ठीक नहीं करेंगे तो हम उसे ठीक कर देंगे. मैं सेना से नहीं डरता, मेरे घर में सेना की वर्दी है. उन्होंने अधिकारियों से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बिना शर्त रिहा करने की अपील की.
पाकिस्तान सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई का दबाव बनाने के लिए इस्लामाबाद में रविवार को उनकी पार्टी ने रैली की. जिसके बाद आईजी इस्लामाबाद सैयद अली नासिर रिजवी ने कहा कि रैली के आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इमरान पांच अगस्त 2023 को गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं।
वहीं सीएम गंडापुर ने कहा कि उनकी पार्टी पीटीआई के संस्थापक इमरान खान को स्वतंत्र विदेश नीति, न्यायपालिका की पवित्रता और संसद की सर्वोच्चता पर उनके सैद्धांतिक रुख के लिए सजा दी गई है. उन्होंने कहा कि संविधान का हनन करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि इमरान ने न्यायपालिका और सत्ता प्रतिष्ठान में विश्वास खो दिया है, इसलिए पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ता जेल से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद में रैली की.
सीएम ने कहा कि सरकार को स्थिति की संवेदनशीलता को समझना चाहिए और बहुत देर होने से पहले इमरान खान को रिहा कर देना चाहिए. उन्होंने इमरान सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की आलोचना की. उन्होंने सरकार से अपील की कि वो देश की संपत्ति के लुटेरों को संरक्षण देना बंद करें.
भ्रष्टाचार के मामले में बरी करने की अर्जी
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाबदेही अदालत में एक अर्जी देकर 19 करोड़ पौंड के भ्रष्टचार मामले में आरोप मुक्त करने की अपील है. खान ने अपनी याचिका में भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में संशोधन का हवाला दिया है जिसकी उन्होंने पहले कड़ी आलोचना की थी. पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) कानूनों में संशोधन को चुनौती दी थी, जिसे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार ने 2022 में पेश किया था.
क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान की कानूनी टीम ने शनिवार को अपने आवेदन में कहा कि संशोधित कानून संघीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों को संरक्षित करता है. इसमें कहा गया कि एनएबी ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर उनके मुवक्किल के साथ-साथ अन्य आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी.
सैन्य मुकदमे की ओर इशारा करते हैं सबूत
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ सबूत पिछले साल नौ मई को हुई हिंसा से संबंधित मामलों में सैन्य मुकदमे की ओर इशारा करते हैं. आसिफ ने कहा कि सैन्य सुनवाई पहले भी हुई है और भविष्य में भी होती रहेगी.
आसिफ ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ सबूत सैन्य मुकदमे की ओर इशारा करते हैं. उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब खान ने सैन्य अदालतों में अपने संभावित मुकदमे को रोकने के लिए आईएचसी में याचिका दायर की है.
यह पहली बार नहीं है जब पीएमएल-एन ने ऐसी आशंका जताई है. पार्टी के कई नेताओं ने इमरान खान पर नौ मई, 2023 की हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया है. आसिफ ने दो सितंबर को कहा था कि इमरान पर सैन्य मुकदमा संभव है. पिछले साल नौ मई को, इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. वहीं इमरान की पार्टी ने उनपर सैन्य मुकदमा चलाए जाने की संभावना से इनकार किया है.