बांग्लादेश के खिलाफ जो करना ही नहीं है, शुभमन गिल ने दलीप ट्रॉफी में क्यों किया वो काम?

बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के पहले मैच के लिए टीम इंडिया का ऐलान हो गया है. टीम में कोई बहुत बड़ा चौंकाने वाला फैसला नहीं लिया गया है और ज्यादातर वही खिलाड़ी हैं, जिनके चुने जाने की संभावना पहले से ही थी. टीम का ऐलान दलीप ट्रॉफी के पहले राउंड के मुकाबले खत्म होने के बाद हुआ है, जिसमें इंडिया-बी के हाथों इंडिया-ए को हार का सामना करना पड़ा. इंडिया-ए की कप्तानी शुभमन गिल कर रहे थे, जो बल्ले से भी कुछ खास नहीं कर सके लेकिन फिर भी टीम इंडिया में उनकी जगह बरकरार है. लेकिन एक टीम इंडिया का सेलेक्शन और दलीप ट्रॉफी मैच में शुभमन गिल से जुड़ा एक पहलू जरूर है, जिसने ध्यान खींचा; उनकी बैटिंग पोजिशन, दलीप ट्रॉफी मैच में अलग थी और टीम इंडिया में अलग रहेगी.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टीम इंडिया के नियमित खिलाड़ियों को भी दलीप ट्रॉफी के पहले राउंड के मुकाबलों में हिस्सा लेने के लिए कहा था और इसकी वजह थी 19 सितंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज की तैयारी. उद्देश्य यही था कि खिलाड़ियों को चेन्नई में लगने वाले ट्रेनिंग कैंप में जाने से पहले मैच प्रैक्टिस भी हो जाएगी और लय भी हासिल कर लेंगे. ऐसे में उम्मीद भी यही थी कि जिन बल्लेबाजों का चुना जाना लगभग तय है, वो अपनी उसी पोजिशन में खेलेंगे, जिसमें वो टीम इंडिया के लिए खेलते हैं लेकिन शुभमन गिल के मामले में ये अलग रहा, जिसने सवाल खड़ा किया है.
टीम इंडिया में नंबर-3 पर बैटिंग
टीम इंडिया में पिछले साल युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल की एंट्री हुई थी, जिन्हें कप्तान रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई थी. इसके बाद से ही यशस्वी ने टेस्ट टीम में ओपनर की अपनी जगह पक्की कर ली. उनसे पहले ये भूमिका शुभमन गिल निभा रहे थे लेकिन ज्यादा सफलता उन्हें नहीं मिल पाई थी. ऐसे में जायसवाल के ओपनर बनने के बाद उन्हें तीसरे नंबर पर उतारा जाने लगा और पिछले एक साल से वो इसी पोजिशन में खेल रहे हैं. यहां भी उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जरूर उनका बल्ला चला था. यानि नंबर 3 की पोजिशन पर फिलहाल उन्होंने अपनी मुहर लगा ही दी है और बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भी वो यही भूमिका निभाएंगे.
तो दलीप ट्रॉफी में क्यों बने ओपनर?
तो फिर दलीप ट्रॉफी में उन्होंने ओपनिंग क्यों की? क्या यहां भी उन्हें अपनी टीम के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए नहीं आना चाहिए था? ये सवाल जायज लगता है लेकिन इसकी वजह क्या थी ये अभी तक तो किसी को नहीं पता. ओपनिंग में आए गिल के स्कोर दोनों पारियों में सिर्फ 25 और 21 के थे. यानि ओपनिंग में उनका संघर्ष जारी है. फिर भी उन्होंने यही पोजिशन क्यों चुनी, जो कि उन्हें टेस्ट सीरीज में मिलनी भी नहीं है?
देखा जाए तो इसकी एक वजह ये हो सकती है कि इंडिया-ए की प्लेइंग इलेवन में संतुलन के लिए उन्हें ये जिम्मेदारी उठानी पड़ी, ताकि एक मजबूत टीम मैदान पर उतरे. दूसरी वजह ये भी है कि टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करने या तीसरे नंबर पर बैटिंग करने के दौरान परिस्थितियों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. अक्सर तीसरे नंबर का बल्लेबाज किसी एक ओपनर के जल्दी आउट होने के बाद क्रीज पर उतर ही जाता है. ऐसे में शायद इसको ही ध्यान में रखते हुए गिल ने सिर्फ दो पारियों के लिए फिर से ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली हो.

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