सितंबर महीने में 3 रुपए महंगा हुआ प्याज, दिल्ली में कितने हुए दाम

देश की राजधानी दिल्ली में प्याज की सप्लाई में कमी से इसकी औसत कीमतें 58 रुपए प्रति किलोग्राम के हाई लेवल पर बनी हुई हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर के महीने में दिल्ली में प्याज की औसत कीमतों में 3 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. अगर पूरे देश की औसत कीमतों की बात करें तो सिर्फ डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरे देश की औसत कीमत और दिल्ली में प्याज की कीमतें कितनी हो गई हैं. वो भी तब जब देश की राजधानी में सरकार 35 रुपए की रियायती कीमतों पर प्याज बेच रही है.
देश की औसत कीमत में कितना इजाफा
उपभोक्ता मामलों के विभाग की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, प्याज का अखिल भारतीय औसत दाम मंगलवार को 49.98 रुपये प्रति किलोग्राम रहा जबकि इसका प्रचलित भाव 50 रुपये प्रति किलोग्राम है. खास बात तो ये है कि सितंबर के महीने में प्याज की की औसत कीमत में डेढ़ रुपए प्रति किलोग्राम का इजाफा देखने को मिला है. अगस्त महीने के आखिरी कारोबारी दिन प्याज के दाम 48.47 रुपए प्रति किलो ग्राम देखने को मिले थे. जोकि 10 सितंबर को देश में प्याज की औसत कीमतें 49.98 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुकी हैं.
दिल्ली में 3 रुपए की बढ़ोतरी
अगर बात दिल्ली की औसत कीमतों की बात करें तो बीते 10 दिनों में 3 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. मिनि​स्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के आंकड़ों के अनुसार 31 अगस्त को प्याज की कीमतें 55 रुपए प्रति किलोग्राम थी. जो 10 सितंबर के महीने में 58 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच चुकी हैं. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में इनकी कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्याज की अधिकतम कीमत 80 रुपए प्रति किलोग्राम है जबकि इसका न्यूनतम भाव 27 रुपए प्रति किलोग्राम है.
सब्सिडी पर मिल रही प्याज
दिल्ली में प्याज के भाव में इजाफा ऐसे समय में देखने को मिल रहा है, जब केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और मुंबई के उपभोक्ताओं को 35 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री पांच सितंबर को अपनी एजेंसियों के जरिए शुरू की थी. एनसीसीएफ और नैफेड अपने केंद्रों और मोबाइल वैन के जरिये खुदरा बिक्री कर रही हैं.
प्रोडक्शन में इजाफा
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने पिछले सप्ताह कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है. खरीफ सत्र में प्याज की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 1.94 लाख हेक्टेयर था. खरे ने कहा था कि किसानों और व्यापारियों के पास अब भी करीब 38 लाख टन प्याज का भंडार मौजूद है.

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