कांग्रेस के साथ BJP भी सिखों के खिलाफ अपराध की दोषी… राहुल के बयान पर बोलीं हरसिमरत कौर बादल
शिरोमणि अकाली दल की नेता और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस और बीजेपी पर एक साथ निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ बीजेपी भी सिखों के खिलाफ अमानवीय अपराध करने के लिए समान रूप से दोषी है. यह भी सच है कि सिखों, उनकी संस्थाओं और उनके पवित्र तीर्थस्थलों पर अब लगातार हमले हो रहे हैं और सरकार और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के खुले हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की अपनी पार्टी के हाथ 1984 में दिल्ली, कानपुर आदि शहरों में नरसंहार में हजारों निर्दोष सिखों के खून से रंगे हुए हैं. क्या उन्होंने अपनी दादी इंदिरा गांधी की ओर से सबसे पवित्र सिख मंदिर श्री हरमंदिर साहिब में टैंक घुसाने और मोर्टार दागने और श्री अकाल तख्त साहिब के विध्वंस के लिए माफी मांगी है?
कौर ने बीजेपी को भी बताया दोषी
बठिंडा से सांसद ने आगे पूछा कि बिना माफी मांगे, क्या राहुल को हमारे बहादुर और देशभक्त समुदाय के खिलाफ भेदभाव पर बोलने का नैतिक अधिकार है? दूसरी ओर बीजेपी ने भी सिखों के खिलाफ भेदभाव और सिख तीर्थ स्थलों पर कब्जा करने की कोशिश की दोषी है. इन दोनों में से किसी एक पक्ष के अपराध दूसरे को समान पापों से मुक्त नहीं करते हैं. राहुल कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं कि सिख मुद्दों पर बोलने से पहले 1984 में उनकी दादी की सरकार और पार्टी ने जो किया उसके लिए सिखों से माफी मांगें.
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी ने सोमवार रात वाशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारत भाषाओं, परंपराओं, धर्म का एक संघ है. जब भारतीय लोग अपने धार्मिक स्थानों पर जाते हैं, तो वे अपने देवता के साथ विलीन हो जाते हैं.
यह भारत की प्रकृति है. बीजेपी और आरएसएस की गलतफहमी यह है कि वे सोचते हैं कि भारत एक अलग-अलग चीजों का पूरा समूह. मैं नरेंद्र मोदी से नफरत नहीं करता. मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत भी नहीं करता, कई क्षणों में मैं उनके प्रति सहानुभूति रखता हूं.
बीजेपी ने राहुल पर बोला है हमला
राहुल गांधी की टिप्पणियों पर बीजेपी ने भी हमला बोला है. बीजेपी ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष होने के बाद भी वो विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उनको नेता प्रतिपक्ष के पद का ख्याल रखना चाहिए. बीजेपी ने इसके लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण दिया है.