सोयाबीन किसानों को होगी अब बढ़िया इनकम, सरकार देगी MSP का फायदा
केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को बड़ी सौगात दी है. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि सरकार मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खरीदी अब न्यूनतम समर्थन मूल्न्य पर करेगी. सरकार के इस फैसले से सोयाबीन किसानों को उनकी उपज का बढ़िया दाम मिलना सुनिश्चित हो सकेगा. देश में सोयाबीन का सबसे ज्यादा उत्पादन मध्यप्रदेश के मालवा इलाके में होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की लगातार कोशिश रही है कि तिलहन उत्पादन और तेल प्रोडक्शन के मामले में भारत आत्मनिर्भर बन सके. इसकी वजह भारत का आयात बिल घटाना है, क्योंकि अभी भारत अपनी जरूरत का ज्यादातर खाद्य तेल आयात करता है. ऐसे में सोयाबीन किसानों को समर्थन देने से देश में किसान तिलहन की अधिक पैदावार करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
इतना मिलेगा सोयाबीन का दाम
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि सरकार मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सोयाबीन की खरीद करेगी. मौजूदा वक्त में मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चली गई हैं. सरकार ने सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 2024-25 के लिए 4,892 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है. सोयाबीन की ये खरीद कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत की जाएगी.
शिवराज सिंह चौहान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मध्य प्रदेश के किसान सोयाबीन की एमएसपी से कम कीमत मिलने से चिंतित हैं. हमें कल रात मध्य प्रदेश सरकार से खरीद का प्रस्ताव मिला. हमने इसे मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि कृषक समुदाय सरकार की प्राथमिकता है और उनका मानना है कि किसानों की सेवा करना भगवान की पूजा करने के समान है. इससे पहले केंद्र ने महाराष्ट्र और कर्नाटक में एमएसपी दर पर सोयाबीन की खरीद की अनुमति दी है.
तेल के अलावा भी है सोयाबीन का काम
सोयाबीन का सिर्फ तेल ही खाने के काम नहीं आता है. बल्कि कई प्रीमियम प्रोडक्ट और वीगन कैटेगरी के प्रोडक्ट में इसका इस्तेमाल होता है. सोयाबीन में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है, इसलिए फिटनेस का ध्यान रखने वाले लोगों के बीच इसका सेवन ज्यादा प्रचलित है. इतना ही नहीं ये सोया मिल्क, टोफू पनीर जैसे वीगन डाइट का भी हिस्सा है.