सिख फॉर जस्टिस पर लगा रहेगा प्रतिबंध, केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए बढ़ाया बैन
केंद्र सरकार ने खालिस्तान समर्थक ग्रुप ‘सिख फॉर जस्टिस’ पर बैन जारी रखा है. सरकार की ओर से जारी पत्र के मुताबिक अगले पांच साल तक और यह संगठन प्रतिबंधित रहेगा. यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत की गई है.
सिख फॉर जस्टिस एक अलगाववादी ग्रुप है. जिसका मकसद खालिस्तान की स्थापना है. इस संगठन की स्थापना 2007 में हुई थी. सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू हैं. जो अमेरिका में रहता है. 2019 में इस संगठन पर पहली बार प्रतिबंध लगाया गया था. अब एक बार फिर इसे पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
NIA कर रही है कई मामलों की जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी या NIA सिख फॉर जस्टिस के खिलाफ कई मामलों की जांच कर रही है. इसमें संगठन के अलावा इसके प्रमुख पन्नू पर भी कई मामले दर्ज है. NIA ने पंजाब की संपत्ति को भी जब्त किया है. पन्नू अमेरिका में रहता है, लेकिन वह कनाड़ा, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार एक्टिव रहता है.
कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू
गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस का प्रमुख है. वह मूल रूप से अमृतसर के खानकोट में रहता था. उसके पिता पंजाब के कृषि विपणन बोर्ड में काम करते थे. वर्तमान में वह अमेरिका में रह रहा है और वहीं से खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस को संचालित कर रहा है. भारत से जाने से पहले पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की थी. इसके बाद वह बाहर गया था. ऐसा कहा जाता है कि खालिस्तान की मुहिम में उसे पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई का साथ भी मिलता है. अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट-1967 (UAPA) के तहत पन्नू को आतंकी घोषित किया जा चुका है. SFJ के सोशल मीडिया पेज भी प्रतिबंधित हैं.
कई संगठनों पर प्रतिबंध लगा चुका है भारत
भारत ने सिर्फ सिख फॉर जस्टिस पर ही बैन नहीं लगाया. गैर कानूनी गतिविधियों के चलते देश में पहले भी कई संगठनों को बैन किया जा चुका है. इनमें खालिस्तान कमांडो फोर्स, अंतरराष्ट्रीय सिख युवा संघ, लश्कर ए तैयबा, जैश ए कामेहम्मद, जम्मू और कश्मीर इस्लामिक फ्रंट, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, सिमी समेत कई संगठन और अलगाववादी संगठन शामिल हैं.