चेन्नई में शुरू हो रहा टीम इंडिया का ट्रेनिंग कैंप, 3 बड़े सवालों के जवाब ढूंढ़ेंगे रोहित शर्मा-गौतम गंभीर
करीब एक महीने से ज्यादा लंबे वक्त के बाद एक बार फिर कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और कोच गौतम गंभीर जैसे दिग्गज मैदान पर दिखेंगे. श्रीलंका के खिलाफ पिछले महीने वनडे सीरीज के बाद से ही छुट्टी पर चल रही टीम इंडिया अब फिर से एक्शन में लौटने वाली है. बांग्लादेश के खिलाफ 19 सितंबर से टीम इंडिया टेस्ट सीरीज खेलेगी और इसी सीरीज की तैयारी के लिए गुरुवार 12 नवंबर से टीम इंडिया के खिलाड़ी चेन्नई में शुरू हो रहे ट्रेनिंग कैंप में जुटेंगे. सेलेक्शन कमेटी ने सिर्फ पहले टेस्ट के लिए स्क्वॉड का ऐलान किया था और ये सभी खिलाड़ी चेपॉक स्टेडियम में अभ्यास शुरू करेंगे. ये कोई सामान्य ट्रेनिंग सेशंस नहीं होंगे, बल्कि अचानक खतरनाक दिख रही बांग्लादेशी टीम से निपटने के लिए 3 बड़े सवालों के जवाब तलाशने की मुहिम होगी.
टी20 वर्ल्ड कप जीतने और फिर श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज हारने के बाद टीम इंडिया आखिरकार सफेद जर्सी और लाल बॉल के खेल में लौट रही है. जनवरी से मार्च के बीच इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच खेलने के पूरे 6 महीने बाद टीम इंडिया फिर से इस फॉर्मेट के एक्शन में दिखेगी. सिर्फ इतना ही नहीं, रोहित, कोहली, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे टीम के सीनियर खिलाड़ी एक, दो और करीब ढाई महीने के ब्रेक के बाद लौट रहे हैं. ऐसे में भारतीय खिलाड़ियों के लिए खुद को फिर से मैच प्रैक्टिस में लेकर आना भी आसान नहीं होगा. टेस्ट स्क्वॉड के ज्यादातर खिलाड़ी तो पिछले हफ्ते ही दलीप ट्रॉफी का पहला राउंड खेलकर खुद को थोड़ा तैयार कर चुके हैं. ऐसे में टीम इंडिया को 3 बड़े सवालों के जवाब ढूंढ़ने हैं.
एक संतुलित प्लेइंग इलेवन
रोहित और गंभीर के सामने पहला बड़ा सवाल तो प्लेइंग इलेवन तय करने का ही होगा. किसी भी टेस्ट, वनडे या टी20 सीरीज से पहले लगने वाले ट्रेनिंग कैंप्स में आम तौर पर सबसे अहम मकसद यही होता है कि खिलाड़ियों की लय को देखकर प्लेइंग इलेवन पर फैसला किया जाए. टीम इंडिया के सामने ये चुनौती है कि वो 3 स्पिनर और 2 पेसर के साथ उतरें या 4 स्पिनर और 1 पेसर के साथ. अगर सिर्फ 3 स्पिनर हैं तो अश्विन और जडेजा की जगह पक्की है लेकिन अक्षर पटेल और कुलदीप यादव में किसे मौका मिले? इसी तरह बैटिंग ऑर्डर में टॉप-4 की जगह तो पक्की लेकिन पांचवें नंबर पर किसे चुनें? क्या केएल राहुल पर भरोसा जताएं या सरफराज खान को ही मौका दें, जिन्हें फिलहाल तो दलीप ट्रॉफी में दूसरे राउंड के मैच के लिए भेजा गया है. इन सवालों का जवाब ढूंढना अहम होगा.
स्पिनर्स के खतरे से निपटने का प्लान
हाल के सालों में भारतीय बल्लेबाजों को स्पिनर्स के खिलाफ अपनी ही पिचों पर परेशानी का सामना करना पड़ा है और ये हाल तब है, जबकि टीम इंडिया ने ज्यादा क्वालिटी स्पिन बॉलिंग का सामना नहीं किया है, अगर ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन को छोड़ दें. इस लिहाज से बांग्लादेश ज्यादा बड़ी चुनौती पेश करेगी, जिसके पास इन-फॉर्म मेहिदी हसन मिराज और शाकिब अल हसन जैसे दो बेहतरीन स्पिनर हैं. ये दोनों गेंदबाज न सिर्फ अपनी जमीन पर बल्लेबाजों के लिए परेशानी साबित हुए हैं, बल्कि हाल ही में पाकिस्तान में टीम की जीत की भी बड़ी वजह थे. ये परेशानी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि विराट कोहली, केएल राहुल और शुभमन गिल को स्पिनर्स ने काफी परेशान किया है, जबकि रोहित शर्मा भी बाएं हाथ के स्पिनर्स के सामने विकेट गंवाते रहे हैं. अगर कोच गंभीर ने अपने खिलाड़ियों को इस काम में बेहतर बना दिया तो फिर ये कैंप सफल होगा.
मिडिल ऑर्डर पर भरोसा कैसे करें?
कप्तान रोहित शर्मा पिछले करीब 4-5 साल से टेस्ट क्रिकेट में शानदार फॉर्म में हैं. देश से लेकर विदेशों तक में टीम इंडिया की जीत में उनकी अहम भूमिका रही है. वहीं युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल और विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत भी इस फॉर्मेट में आक्रामक बल्लेबाजी के कारण सफल रहे हैं. परेशानी तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर है, जहां शुभमन गिल, कोहली और राहुल की बल्लेबाजी सवालों के घेरे में है. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में 2 शतक लगाने से पहले गिल तो लगातार सवालों के घेरे में थे और टीम से बाहर होने की तलवार उन पर लटक रही थी. उन्होंने खुद को संभाला लेकिन क्या अभी भी वो पूरी तरह से भरोसा जीत पाए हैं, कहना मुश्किल है. कोहली और राहुल की खराब फॉर्म की पूरी दुनिया गवाह है लेकिन दोनों ने साउथ अफ्रीका में कुछ बेहतरीन पारियां खेली थीं. हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ जहां कोहली मौजूद नहीं थे, वहीं राहुल ने जो 2-3 पारियां खेलीं, उसमें संघर्ष करते दिखे. ऐसे में लंबे ब्रेक से लौटने के बाद फिर से स्पिन फ्रेंडली पिच पर उनके फेल होने का खतरा बना रहेगा और इसी खतरे को कम करना कोच और कप्तान के लिए चुनौती होगा.