चुनाव में पीटा था ढिंढोरा… खरगे का पीएम मोदी पर तंज- 100 दिनों का एजेंडा क्या था, किसी को नहीं पता

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार 3.0 के सौ दिन पूरे होने से पहले ही तंज भरे लहजे में सवाल पूछते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा है कि माननीय मोदी जी, आपकी सरकार के 100 दिन पूरे होने वाले हैं. आपने चुनाव में 100 दिन के एजेंडे का ढिंढोरा जोर-शोर से पीटा था. आज 95 दिन हो गए हैं, आपकी मिली-जुली सरकार डगमगा रही है. इसके बाद उन्होंने 7 प्रश्न पूछे हैं, जिनमें बजट, महंगाई, कश्मीर, मणिपुर, और NEET, SEBI को लेकर प्रश्न शामिल हैं.
बजट को लेकर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है कि सरकार का बजट पूरी तरह से जन विरोधी था और इसके कारण मध्यवर्ग और गरीबों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सुरक्षा के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू में आतंकवादी हमले हुए, सेना के कई बहादुरों को शहादत देनी पड़ी. जबकि मणिपुर 16 महीनों से जल रहा है और प्रधानमंत्री वहां के मुद्दे को नजर अंदाज कर रहे है. अपने ट्वीट में सेबी के चेयरपर्सन की भूमिका को लेकर प्रश्न करते हुए, उन्होंने इसे मोदी-अडानी का महाघोटाला करार दिया और कहा कि बीजेपी इससे पीछा नहीं छुड़ा सकती है.

.@narendramodi जी
आपने चुनाव के पहले ही 100 दिनों के एजेंडा का ढिंढ़ोरा ज़ोर-शोर से पीटा था।
95 दिन हो गए हैं, आपकी मिली-जुली सरकार डगमगा रही है। थोड़ा Recap हो जाए –
1) ग़रीब व मध्यम वर्ग की कमरतोड़ ने के लिए आपकी सरकार जनविरोधी बजट लाई।
2) जम्मू और कश्मीर, ख़ासकर जम्मू
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 12, 2024

अपने प्रश्नों में कांग्रेस अध्यक्ष ने महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा, हवाई अड्डों की छत, नई संसद, अयोध्या में भगवान के मंदिर, पुल, सड़क, सुरंग में जो खामियां निकली हैं, उन्हें भी रेखांकित किया है और सरकार पर निर्माण में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया. नीट पेपर लीक को लेकर भी सरकार की आलोचना की है और इसे युवाओं के से धोखा करार दिया.
विपक्ष के कारण वापस लेने पड़े फैसले
सरकार के वापस लिए गए फैसलों पर उन्होंने लिखा कि वक्फ बिल हो या लेटरल एंट्री का मामला, मोदी सरकार को इंडिया गठबंधन के दबाव में यू-टर्न लेना पड़ा है. मोदी सरकार के 95 दिन के कार्यकाल को विफल करार देते हुए लिखा , आपकी कारगुजारी का अंजाम देश भुगत रहा है और 100 दिन का एजेंडा क्या था, यह किसी को पता नहीं है.

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