लालू यादव की मुंबई के अस्पताल में हुई एंजियोप्लास्टी, दो दिन पहले हुए थे भर्ती

बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी की गई. लालू यादव को दिल से जुड़ी बीमारी की शिकायत है. सूत्रों के अनुसार, हृदय रोग विशेषज्ञों ने उन्हें एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दी थी. इससे पहले, लालू सिंगापुर में अपनी किडनी का ट्रांसप्लांट करा चुके हैं, जिसमें उनकी बेटी ने उन्हें किडनी दान की थी. अपनी नाजुक सेहत के कारण लालू यादव लगातार डॉक्टरों के संपर्क में रहते हैं.
जानकारी के मुताबिक, लालू यादव को एक-दो दिन में अस्पताल से छुट्टी मिलने की उम्मीद है. उन्हें 10 सितंबर, 2024 को डॉ. संतोष डोरा और डॉ. तिलक सुवर्ण द्वारा एंजियोप्लास्टी के लिए एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में भर्ती किया गया था.
क्या होती है एंजियोप्लास्टी ?
एंजियोप्लास्टी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें हृदय की मांसपेशियों तक रक्त प्रवाह सुनिश्चित करने वाली धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) को खोला जाता है. डॉक्टर अक्सर दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं के बाद एंजियोप्लास्टी की सलाह देते हैं.
क्या कहते हैं जानकार
जानकार बताते हैं, एंजियोप्लास्टी जितनी जल्दी की जाती है, हृदय फेलियर का खतरा उतना कम होता है। अगर मरीज को दिल में दर्द हो रहा है, तो उसे एक घंटे के भीतर एंजियोप्लास्टी मिलनी चाहिए, जिससे मौत का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है.
कितने तरह से होता है एंजियोप्लास्टी
एंजियोप्लास्टी आमतौर से तीन प्रकार से कि जाती है. बैलून एंजियोप्लास्टी, लेजर एंजियोप्लास्टी और एथरेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी.
1. बैलून एंजियोप्लास्टी: इसमें एक पतली ट्यूब (कैथेटर) को बांह या जांघ के पास हल्का चीरा लगाकर ब्लॉक हो चुकी धमनी में डाला जाता है। इसकी निगरानी एक्स-रे या वीडियो की मदद से की जाती है।
2.लेजर एंजियोप्लास्टी: इसमें कैथेटर का उपयोग होता है, लेकिन ब्लॉक को हटाने के लिए लेजर का इस्तेमाल किया जाता है.
3. एथरेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी: इसका उपयोग तब किया जाता है जब बैलून या लेजर एंजियोप्लास्टी से सख्त प्लाक को हटाया नहीं जा सकता.

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