मणिपुर में हिंसा खत्म करने के लिए दखल दें पीएम, पूर्वोत्तर छात्र संघ की अपील
मणिपुर में आए दिन हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. राज्य में कई छात्र जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स यूनियन (NESO) ने देश के प्रधानमंत्री से मणिपुर में जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है. एनईएसओ के अध्यक्ष सैमुअल जिर्वा ने कहा कि संघर्ष को सुलझाने में विफलता न केवल मणिपुर की स्थिरता को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की व्यापक शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करती है.
गौरतलब है कि एनईएसओ में नॉर्थ ईस्ट के विभिन्न छात्र संगठन शामिल हैं. इसमें ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन, खासी स्टूडेंट यूनियन, गारो स्टूडेंट्स यूनियन, अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन, नागा स्टूडेंट्स फेडरेशन, और ऑल मणिपुर स्टूडेंट्स यूनियन जैसे संगठन शामिल हैं.
पीएम की चुप्पी ने हिंसा को आगे बढ़ाया
सैमुअल जिर्वा ने आगे कहा, एनईएसओ ने बार-बार भारत सरकार और माननीय प्रधानमंत्री से इस मामले में निर्णायक हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा, माननीय प्रधानमंत्री की लंबी चुप्पी ने संकट को और बढ़ाने का ही काम किया है और उन्होंने हिंसा भड़कने के बाद से अब तक मणिपुर का दौरा नहीं किया. एनईएसओ के अनुसार, मजबूत नेतृत्व और हस्तक्षेप के अभाव ने संघर्ष को और अधिक गंभीर बना दिया है, जिससे हिंसा बढ़ी और लोगों की पीड़ा में इजाफा हुआ है.
संगठनों से आपसी बातचीत ही एकमात्र विकल्प
एनईएसओ के अध्यक्ष जिर्वा ने कहा, एक छात्र संगठन के रूप में एनईएसओ ने इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि सभी संगठनों से वार्ता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है. जहां प्रत्येक व्यक्ति के अधिकारों, आकांक्षाओं और गरिमा का सम्मान किया जाए और उसे बरकरार रखा जाए. उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोग शांति के हकदार हैं और यह केवल आपसी समझ और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकता है.