आरक्षण पर राहुल गांधी की टिप्पणी से केंद्रीय मंत्री आठवले नाराज, करेंगे ‘जूते मारो आंदोलन’

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिये गये बयान पर केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास आठवले ने शुक्रवार को धर्मशाला में नाराजगी जताई है. उन्होंने ऐलान किया कि राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिये गये बयान के खिलाफ दलित समुदाय की ओर से जूते मारो आंदोलन शुरू किया जाएगा.
हाल ही में अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस तभी आरक्षण समाप्त करने को लेकर सोचेगी, जब देश में सभी लोगों को समान अवसर मिलने लगेंगे, हालांकि भारत में ऐसी स्थिति नहीं है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत में आरक्षण की संभावित समाप्ति को लेकर दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है.
आरक्षण समाप्त नहीं किया जा सकता
अठावले ने इस बात पर जोर दिया कि डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा प्रदान किया गया आरक्षण दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) और अन्य हाशिये पर रहने वाले समुदायों के लिए संविधान में निहित हैं और इन्हें समाप्त नहीं किया जा सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक सूर्य और चंद्रमा मौजूद हैं, तब तक भारत का संविधान और आरक्षण की गारंटी भी रहेगी.
राहुल गांधी की टिप्पणी के जवाब में, अठावले ने घोषणा की कि रिपब्लिकन पार्टी द्वारा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. पार्टी के मुंबई अध्यक्ष सिद्धार्थ कसारे ने संकेत दिया कि राहुल गांधी के विवादित बयानों के खिलाफ 13 सितंबर को मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन होगा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान के खिलाफ दलित समाज की ओर से जूते मारो आंदोलन शुरू किया जाएगा.
राहुल गांधी के बयान पर आठवले ने उठाया सवाल
अठावले ने आरक्षण समाप्त करने के बारे में गांधी की टिप्पणियों के पीछे के मकसद पर सवाल उठाया और कहा कि इससे कांग्रेस पार्टी के भीतर व्यापक आरक्षण विरोधी भावना का पता चलता है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कांग्रेस ने भारत में काफी समय तक सत्ता संभाली है और उनके कार्यकाल के दौरान, दलितों को बढ़े हुए उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. अठावले के अनुसार, आरक्षण प्रणाली इन समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक उपाय (“कवच कुंडल”) है.
उन्होंने दलित और आदिवासी समुदायों से राहुल गांधी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया और चेतावनी दी कि आरक्षण समाप्त करने के उनके आह्वान के लिए वे उन्हें जवाबदेह ठहराएंगे.
अठावले ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान भारत में लोकतंत्र की कमी होने का दावा करके कथित तौर पर देश को बदनाम करने के लिए भी राहुल गांधी की आलोचना की. उन्होंने दोहराया कि विदेश में इस तरह के बयान देना देश का अहित करने जैसा है.

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