क्या स्मार्टफोन सुनता है आपकी हर बात? कैसे रख सकते हैं खुद को सेफ

स्मार्टफोन आपके आसपास की बातें सुनता है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है, जो अक्सर उठता रहता है. कई लोग ऐसा मानते हैं कि उनके फोन उनकी बातचीत सुनते हैं. खासकर तब जब वो सोशल मीडिया या दूसरे ऐप्स पर उसी से संबंधित विज्ञापन/ ऐड देखते हैं, जिस बारे में वो बात कर रहे होते हैं.
हालांकि, कंपनियां, जैसे कि Google और Apple, इस दावो से इनकार करती हैं और कहती हैं कि उनके स्मार्टफोन यूजर की परमीशन के बिना बातचीत नहीं सुनते. वहीं कुछ ऐसी स्टडी भी सामने आईं जिनमें दावा किया गया कि स्मार्टफोन का माइक्रोफोन यूजर्स की बातें सुनता है और AI यूजर्स का रियल टाइम डेटा स्टोर करने में मदद करता है. आइए समझते हैं इस मामले को…
स्मार्टफोन आपकी बातें कैसे “सुन सकता है”?
स्मार्टफोन की वॉइस-एक्टिवोटेड फीचर्स जैसे “OK Google” और “Hey Siri” हमेशा माइक्रोफोन को एक्टिव रखते हैं ताकि वो आपकी वॉइस कमांड पर तुरंत रिएक्शन दे सकें. इसका मतलब है कि आपका फोन आपके कुछ वॉइस डेटा को स्टोर करता है, लेकिन यह केवल तभी हो सकता है जब आपने इसे परमीशन दी हो.
आपकी जानकारी का इस्तेमाल कैसे होता है?

ऐप्स की परमिशन: कुछ ऐप्स को आपके माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे पर्सनल डेटा तक पहुंचने की परमीशन होती है. यदि आप बिना ध्यान दिए ऐप्स को परमिशन देते हैं, तो वो आपकी बातचीत का इस्तेमाल टारगेटेड विज्ञापन दिखाने के लिए कर सकते हैं.
ऐडवरटाइज एल्गोरिदम: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और दूसरे ऐप्स आपकी सर्च हिस्ट्री, लोकेशन डेटा और यूजर डेटा के आधार पर विज्ञापन दिखाते हैं, जो कभी-कभी ऐसा महसूस करवा सकता है कि आपका फोन आपको सुन रहा है.

खुद को कैसे रखें सेफ

ऐप परमिशन चेक करें: अपने फोन की सेटिंग्स में जाकर यह देखें कि कौन से ऐप्स को माइक्रोफोन, कैमरा या लोकेशन तक की एक्सेस है. बेहतर होगा कि आप गैरजरूरी परमिशन को हटा दें.
वॉइस असिस्टेंट को डिसेबल करें: यदि आपको जरूरत नहीं है, तो आप वॉइस असिस्टेंट फीचर जैसे “Hey Siri” या “OK Google” को बंद कर सकते हैं.
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन: वाट्सऐप और सिग्नल जैसे प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का इस्तेमाल करते हैं, जिससे आपकी बातचीत ज्यादा सुरक्षित रहती है.
अपडेटेड ऐप्स और सिस्टम: अपने डिवाइस और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें, ताकि सुरक्षा संबंधी खामियों का फायदा न उठाया जा सके.
VPN का इस्तेमाल: पब्लिक नेटवर्क पर होने पर आप वर्चुअल प्राइवोट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो आपके डेटा को सुरक्षित रखता है.

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