रिफाइंड ऑयल, प्याज पर लिए फैसलों से पैदा होंगे रोजगार, जानिये क्या बोली सरकार

सरकार ने हाल ही में कृषि क्षेत्र और किसानों की आय बढ़ाने को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं. जिसमें कच्चे पाम और रिफाइंड सूरजमुखी तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाकर क्रमश: 20 प्रतिशत और 32.5 प्रतिशत करनस हो या फिर प्याज पर एमईपी कम करना हो. इन फैसलों के बाद देश के प्रधानमंत्री से लेकर ​कृषि मंत्री तक अपने अपने स्तर से बयान दे रहे हैं. सरकार का मानना है कि इन फैसलों से किसानों को ‘काफी’ लाभ होगा क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ेगी. साथ ही ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. देश के प्रधानमंत्री ने ने कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे रहने वाले अपने किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि सरकार किसानों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.
पीएम मोदी और शिवराज सिंह क्या किया पोस्ट
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है. अन्नदाताओं की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं, जो किसान भाई-बहनों को समृद्ध बनाने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति दे रहे हैं. उससे पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया था कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे रहने वाले अपने किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना, ऐसे कई फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को बहुत लाभ होने वाला है. इनसे जहां उनकी आय बढ़ेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

देश की खाद्य सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे रहने वाले अपने किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना, ऐसे कई फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को बहुत लाभ होने वाला है। इनसे जहां उनकी आय बढ़ेगी, pic.twitter.com/CgOSes5W6R
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2024

इस तर​ह के लिए गए फैसले
वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, कच्चे पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी बीज के तेल पर मूल सीमा शुल्क शून्य से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इन कच्चे और रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क क्रमशः 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 27.5 प्रतिशत और 13.75 प्रतिशत से बढ़कर 35.75 प्रतिशत हो जाएगा.
घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके
मंत्रालय ने कहा कि ये सोयाबीन और तिलहन किसानों के लिए बहुत बड़ी मदद है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को इससे बहुत लाभ होगा क्योंकि इन तिलहनों का उत्पादन यहां बहुत अधिक होता है. मंत्रालय के अनुसार ये उपाय सरकार के प्रभावी प्रबंधन के कारण संभव हो पाए हैं, जिससे पिछले करीब दो वर्षों से लगातार गिर रहीं खाद्य तेल की घरेलू कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके. बाजार की धारणा को प्रभावित किए बिना सोया किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ये बहुत ही समझदारी भरा कदम हैं. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रमुख तिलहन उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु हैं.

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में सरकार किसानों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
अन्नदाताओं की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र का विस्तार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं, जो किसान भाई-बहनों को
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 14, 2024

प्याज पर लिया बड़ा फैसला
सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) के रूप में 550 डॉलर प्रति टन तय किया था, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब था कि किसान अपनी उपज इस दर से कम पर विदेशों में नहीं बेच सकते थे. शुक्रवार को जारी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की अधिसूचना ने तत्काल प्रभाव से एमईपी को हटा दिया. सरकार ने प्याज के निर्यात पर शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया है. बैंगलोर रोज प्याज पर कोई निर्यात शुल्क नहीं है.
पिछले सप्ताह उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा था कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि खरीफ (गर्मी) में प्याज की बुवाई का रकबा अगस्त तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह रकबा 1.94 लाख हेक्टेयर था. उन्होंने कहा कि किसानों और व्यापारियों के पास अभी भी करीब 38 लाख टन प्याज का भंडारण है.
पीयूष गोयल ने दी थी जानकारी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि एमईपी हटाने और निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने से प्याज का अधिक मात्रा में निर्यात किया जा सकेगा. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि इस फैसले से किसानों और निर्यातकों की आय बढ़ेगी और कृषि क्षेत्र में कारोबार को काफी बढ़ावा मिलेगा. बासमती चावल पर एमईपी हटाने के बारे में मंत्री ने कहा कि इससे निर्यात और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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