क्या चीन ले रहा भारत से बदला? ट्रेड को लेकर उठाया ये बड़ा कदम

भारत और चीन के बीच सिर्फ सीमा विवाद को लेकर ही तनाव की स्थिति नहीं रहती है. बल्कि कई बार संसाधनों पर किसका हक है, दोनों देशों के बीच व्यापार की क्या प्रैक्टिस है और व्यापार को किस तरह से नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इन सब मुद्दों तक पहुंच जाती है. अब हाल में चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक ही ऐसा ही ऐलान किया है, जो दोनों देशों के ट्रेड को प्रभावित कर सकता है.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि वह भारत के खिलाफ एंटी-डंपिंग जांच शुरू करेगा. इसमें भारत के अलावा कनाडा और जापान का भी नाम शामिल है. क्या है ये पूरा मामला?
रबर के व्यापार से जुड़ा है मामला
चीन का कहना है कि वह भारत, कनाडा और जापान से आयात किए जाने वाले हैलोजेंटेड बुटाइल रबर के आयात को लेकर डंपिंग रोधी जांच शुरू करेगा. हैलोजेंटेड बुटाइल रबर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल टायर, फार्मास्युटिकल्स स्टॉपर, सीलेंट्स और अन्य उत्पादों में होता है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक चीन को कनाडा, भारत और जापान के इस रबर के चीन में डंप करने का अंदेशा है.
क्या होती है एंटी-डंपिंग जांच?
ग्लोबलाइजेशन और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के दौर में कई बार कुछ देश अपने यहां ज्यादा या सस्ते में पैदा होने वाले उत्पाद को दूसरे देश में कम दाम पर बेच देते हैं.ये मात्रा इतनी अधिक होती है कि उससे दूसरे देश के घरेलू उद्योग की कीमतें प्रभावित होती हैं. ऐसा करने से घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचता है और सरकार उनके संरक्षण के लिए एंटी-डंपिंग जांच करती है और फिर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाती है.
क्या भारत से ले रहा बदला?
चीन की ये कार्रवाई थोड़ी चौंकाने वाली है, क्योंकि अक्सर दुनिया के तमाम देशों का आरोप रहता है कि चीन ने उनके यहां अपने प्रोडक्ट्स को डंप किया है. भारत में भी वाणिज्य मंत्रालय के तहत डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) एंटी-डंपिंग जांच करती है. इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजती है, जो इस रिपोर्ट को वित्त मंत्रालय भेज देता है. वित्त मंत्रालय इस बात का अंतिम निर्णय करता है कि किसी प्रोडक्ट पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगानी है या नहीं.

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