सुप्रीम कोर्ट क्रिमिनल की तरह ट्रीट कर रहा, अब CM बनने का सवाल ही नहीं… केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर संदीप दीक्षित का बड़ा हमला
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने दो दिन बाद इस्तीफा देने की बात कही है. ऐसे में अब उन पर विपक्षी पार्टियां हमलावर नजर आ रही हैं जहां बीजेपी ने उनपर हमला बोलते हुए कहा कि यह उनका त्याग नहीं मजबूरी है, तो वहीं अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का भी उनके ऐलान पर बयान सामने आ गया है. उन्होंने भी केजरीवाल पर जमकर हमला बोला और कहा कि अब बचा क्या है. उन्होंने इसे एक नाटक बताया.
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि सीएम बनने का कोई मतलब ही नहीं है. हम लोग तो बहुत पहले से ही कह रहे थे उन्हें सीएम पद को छोड़ देना चाहिए. जब आपको जेल हो गई थी. भले ही किसी भी कारण से हुई थी तो आपको मुख्यमंत्री पद से हट जाना चाहिए था. अब उनका सीएम पद को छोड़ना सिर्फ एक नाटक है. दुनिया के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब कोई चुना हुआ व्यक्ति जब जेल से निकले, तो उसे सुप्रीम कोर्ट कहे कि खबरदार जो तुमने एक भी फाइल छुई या सीएम की कुर्सी पर बैठे.
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal’s ‘I am going to resign from the CM position after 2 days’ statement, Congress leader Sandeep Dikshit says, “There is no question of becoming the CM again. We have been saying this for a long time that he should resign as the CM… This is a pic.twitter.com/zn0bgXMryd
— ANI (@ANI) September 15, 2024
सीएम हेमंत सोरेन का जिक्र
इसके अलावा उन्होंने आगे हेमंत सोरेन का जिक्र करते हुए कहा कि आपने देखा होगा कि हेमंत सोरेन साहब जेल गए थे. जब वह जेल से निकले तो उनपर कोई ऐसी शर्त नहीं लगाई गई. बहुत से मुख्यमंत्री और मंत्री हैं, जो जेल गए हैं और जब रिहा हुए जमानत पर तो उन पर तो कोई शर्त नहीं लगाई गईं. फिर इन पर ही शर्त क्यों लगाई गई. बेल दी गई हम इस इसका समर्थन करते हैं.
केजरीवाल और नैतिकता
यही नहीं उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट को भी यह डर है कि जिस पर केस चल रहा है वह बाहर जाएगा और जो सबूत उसके खिलाफ हैं. उसको मिटा देगा, यह डराएगा-धमकाएगा, जब मुख्यमंत्री को यह कहा जाता है कि खबरदार तुम किसी गवाह के साथ मिले भी. इसका मतलब यह है कि एक आम अपराधी की तरह उसे ट्रीट किया जा रहा है. इसके बाद केजरीवाल की कोई नैतिकता नहीं बचती लेकिन केजरीवाल और नैतिकता में मुझे नहीं लगता कि किसी भी तरह का आपस में कोई संबंध है.