पाकिस्तान की फिर किरकिरी! एशियन डेवलपमेंट बैंक की पाक को नसीहत, भारत की शिक्षा व्यवस्था अपनाने की जरूरत

पाकिस्तान को अपनी शिक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए के लिए अब भारत का मॉडल लागू करना होगा. एशियन डेवलेपमेंट बैंक (एडीबी) ने पाकिस्तान को खराब शिक्षा प्रणाली को सुधारने और अपने नागरिकों को क्वालिटी ट्रेनिंग देने के लिए करने के लिए भारत की योजना उल्लास को अपनाने की सलाह दी है. समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, मनीला आधारित एडीबी ने ये टिप्पणी पाकिस्तान की अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने साथ ही स्कूल न जाने वाले सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिए पैसों से मदद करने का अनुरोध करने के जवाब में की है.
समाज में सभी के लिए लाइफ लॉन्ग शिक्षा की समझ (उल्लास) को भारत सरकार के पिछले साल जुलाई में अशिक्षित और औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित बच्चों की सहायता के लिए शुरू किया गया था. एडीबी ने सिफारिश की है कि सरकार एक रणनीतिक और बहु-हितधारक दृष्टिकोण अपनाए साथ ही भारत सरकार की नई केन्द्र प्रायोजित उल्लास जैसी योजनाओं को लागू करे.
इसलिए आई थी ‘उल्लास’ परियोजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी के लिए शिक्षा के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए पांच साल की अवधि के लिए नई केन्द्र प्रायोजित योजना उल्लास को मंजूरी दी थी. भारतीय उल्लास योजना का लक्ष्य न केवल बुनियादी साक्षरता उपलब्ध कराना है, बल्कि इसमें 21वीं सदी के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी शामिल हैं. इन कौशलों में वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य सेवा जागरूकता, बाल देखभाल और शिक्षा तथा परिवार कल्याण शामिल हैं.
शिक्षा प्रणाली पर क्या कहता है पाक का आयोग
पाकिस्तान के योजना आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की शिक्षा प्रणाली ठीक नहीं है, इसे सुधारने की जरूरत है. साथ ही रिपोर्ट में बताया गया कि इस्लामाबाद को छोड़कर सभी 134 जिले लर्निंग आउटकम और पब्लिक फाईनेंसिंग पर पिछड़ रहे हैं. पाकिस्तान के 134 जिलों में से कोई भी शिक्षा क्षेत्र में अच्छी रेटिंग नहीं हासिल कर सका. एजुकेशन इंडेक्स पोर्ट के अनुसार, 134 जिलों में से 133 मीडियम से लो ग्रेड में आते हैं.
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