Dengue Fever : डेंगू के वायरस में हो रहा म्यूटेशन, दिख रहे ये दो नए खतरनाक लक्षण

दिल्ली एनसीआर से लेकर पुणे, महाराष्ट्र समेत देश के अन्य कई राज्यों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं. सितंबर महीने में बारिश होने की वजह से जगह जगह जलभराव के कारण मच्छरों का प्रकोप जारी है, जिससे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामले पिछले कई सालों से ज्यादा है. डेंगू के अब तक 1,774 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं. जिसमें पटना में डेंगू के 36 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं, वही पूणे में सितंबर महीने के दो सप्ताह में ही 90 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं, वही राजधानी दिल्ली में भी डेंगू के दो मरीजों की मौत हो गई है. इस बार डेंगू के मामले ज्यादा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. चिंता की बात यह है कि डेंगू मरीजों में अब दो नए लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
डेंगू का बुखार एडिज मच्छर के काटने से फैलता है, इसमें सबसे पहले मरीज को तेज बुखार की शिकायत होती है, जिसके बाद उल्टी, दस्त, मतली, सिरदर्द जैसे अन्य लक्षण दिखाई देते हैं. इसके साथ ही इसकी सबसे बड़ी पहचान प्लेटलेट्स काउंट के कम होने से होती है. इस बुखार में मरीज की प्लेटलेट्स काफी तेजी से कम होनी शुरू हो जाती है. डेंगू के गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स घटकर 50 हजार से भी नीचे चली जाती है. जो खतरनाक हो सकता है. लेकिन इस बार मरीजों में प्लेटलेट्स घटने के अलावा दो नए लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं
डेंगू में दिख रहे हैं ये नए लक्षण
इस बार डेंगू के मरीजों में काला मल आना और काली उल्टी आने जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. डेंगू के मरीजों में उल्टी आने की समस्या पहले भी दिखी जाती थी, लेकिन इस बार काली उल्टी और काला मल आ रहा है. ये खतरनाक हो सकता है. हालांकि हर मरीज में ऐसे लक्षण नहीं दिख रहे हैं. जिन मरीजों में बुखार लंबा खींच रहा है और प्लेटलेट कम हो रहे हैं. उनमें यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
क्यों बदल रहे हैं लक्षण?
महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं कि कोई भी वायरस खुद को म्यूटेट करता रहता है. खुद को जिंदा पखने के लिए वायरस यह करता है. इस बार डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया वायरस में भी म्यूटेशन देखने को मिल रही है. यही वजह है कि इस बार इनके मरीजों में न नए लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं. लेकिन जरूरी नहीं है की हर मरीज में ऐसे लक्षण दिखाई दें. कई बार किसी खास इलाके में भी ही ऐसा देखने को मिलता है. ये वायरस में म्यूटेशन के कारण होता है. वायरस खुद को खतरनाक बनाने के लिए म्यूटेट होता रहता है. इससे उसके लक्षण भी बदलते रहते हैं.
लक्षण दिखने पर न करें लापरवाही
एक्सपर्ट्स बता रहे हैं चूंकि इस बार डेंगू का वायरस ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. ऐसे में बुखार होने पर कोई भी लापरवाही न बरतें और तुरंत अपना ब्लड टेस्ट करवाएं. टेस्ट से पता चल जाएगा की बुखार किस वजह से हैं, वायरल बुखार 3 से 4 दिन में ठीक हो रहा है लेकिन डेंगू का बुखार ज्यादा दिन तक बना रहता है. इससे मांसपेशियों में दर्द भी होता है. डेंगू का बुखार ब्रेन पर भीअसर डालता है. इसलिए किसी भी तरह के बुखार में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें. डेंगू का इलाज खुद से करने की गलती न करें और इस मामले में अस्पताल जाएं.

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