यूरोप का ये देश बना ग्रीन मोबिलिटी का हब, 10 में से 9 लोग खरीदते हैं Electric car

भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए बीते 10 सालों से जोर दिया जा रहा है. इसके लिए सरकार ने FAME I और FAME II सब्सिडी योजना शुरू की थी, जिसके बाद अब सरकार ने PM E-DRIVE स्कीम लॉन्च की है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सब्सिडी मुहैया कराई जाएगी.
इस सबके बीच यूरोप का एक छोटा सा देश है नॉर्वे जिसने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मामले में सभी देशों को पीछे छोड़ दिया है. दरअसल हाल ही में ग्लोबल ईवी आउटलुक 2024 का आंकड़ा सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि नॉर्वे में हर 10 में से 9 कार इलेक्ट्रिक खरीदी जाती है.
10 में से 9 कार इलेक्ट्रिक कार
यूरोप का 55 लाख आबादी वाला नॉर्वे पेट्रोल गाड़ियों से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. यहां पंजीकृत कुल 28 लाख वाहनों में 7,54,303 (26.3% ) पूरी तरह इलेक्ट्रिक हैं, जबकि पेट्रोल वाले वाहन 7,53,905 हैं. डीजल कारें भी 9,99,715 (35%) हैं, लेकिन इनकी बिक्री लगातार घट रही है. यहां बिकने वाली हर 10 में से 9 कारें ईवी हैं. अगस्त में नई कारों में 94.3% कारें इलेक्ट्रिक थी, जो नया रिकॉर्ड है, नॉर्वे में 1990 से ईवी बिक रही हैं. 20 सालों में सड़कों से 10 लाख पेट्रोल कारें हटी हैं. इनकी जगह ईवी ने ली है.
नॉर्वे में क्यों बढ़ी इलेक्ट्रिक कार की बिक्री?
नॉर्वे सरकार ने 1990 से ही पेट्रोल और डीजल कार के विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक कार को बढ़ावा देने वाली पॉलिसी शुरू की. इसके लिए नॉर्वे सरकार ने ईवी पर स्विच करने पर प्रोत्साहन की पेशकश की, जिसमें ईवी खरीदने पर डिस्काउंट मिलता था. इसके अलावा नॉर्वे में इलेक्ट्रिक कारों को टोल फ्री और मुफ्त पार्किंग की सुविधा मिलती है. वहीं सरकार ने पूरे देश में फ्री चार्जिंग स्टेशन की सुविधा दी है.
भारत में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड
भारत में इलेक्ट्रिक कार की डिमांड लगातार बढ़ रही है. फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में देश में कुल 16,75,800 ईवी बिकी. जो बीते फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले 42 फीसदी ज्यादा थी. सरकार की प्लानिंग है कि देश में 2030 तक ईवी की हिस्सेदारी 30 फीसदी हो जाए. इसके लिए सरकार समय-समय पर कई योजनाएं लेकर आ रही है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *