मैं नेता नहीं हूं, मुझे सत्ता का लालच नहीं… जनता की अदालत में केजरीवाल के भाषण की 10 अहम बातें

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ में शामिल हुए. केजरीवाल ने अपने संबोधन में बीजेपी पर जमकर हमला बोला. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि जेल से रिहाई के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों दिया? पूर्व सीएम यह भी बताया कि वो मुख्यमंत्री आवास कब छोड़ेंगे और इसके बाद उनका अगला निवास क्या होगा.
जनता की अदालत में मंच पर केजरीवाल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता और मुख्यमंत्री आतिशी भी मौजूद थी. पूर्व सीएम ने एक-एक कर सभी मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी से कई सवाल भी किए. अब जरा केजरीवाल के भाषण की 10 बड़ी बातों पर एक नजर डाल लेते हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपके बीच आकर अच्छा लगा. पुराने दिन याद आ गए. 4 अप्रैल 2011 का दिन था जब आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन अन्ना आंदोलन जंतर-मंतर से शुरू हुआ था.
पूर्व सीएम ने कहा कि उस वक्त की सरकार भी बहुत अहंकारी थी. हमारी बात नहीं मानी थी. चैलेंज देते थे कि चुनाव लड़कर जीत कर दिखाओ. हमने भी चुनाव लड़कर और जीत कर दिखाया. हमारे पास तो पैसा भी नहीं थे.
तब हमने देश के भीतर यह साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं. पहली बार में ही दिल्ली में सरकार बन गई थी. पिछले 10 साल से दिल्ली के भीतर हम ईमानदारी से सरकार चला रहे थे.
दिल्ली में हमने जनता को ऐसी-ऐसी सुविधाएं दी जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता था. बिजली 24 घंटे कर दी, फ्री कर दी. शानदार स्कूल बना दिए. बच्चों को भविष्य दे दिया. तब प्रधानमंत्री ने केजरीवाल को बेइमान साबित करने की षड़यंत्र रची.
अब हम जेल से बाहर आ गए और हमने इस्तीफा दे दिया. मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं गंध करने के लिए नहीं आया था. सत्ता का लालच मुझे नहीं है. मैं पैसे कमाने नहीं आया. देश के लिए आए थे, भारत माता के लिए आए थे.
इन नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता है. इनकी मोटी चमड़ी होती है. मैं नेता नहीं हूं, मेरी मोटी चमड़ी नहीं है. बीजेपी के लोग जब मुझपर कीचड़ उछालते हैं तो मुझे दुख होता है. आज मैं बहुत दुखी हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है. जिंदगी में केवल इज्जत कमाई है.
आज दिल्ली के अंदर मेरे पास घर भी नहीं है रहने के लिए. मैंने दस साल के भीतर कुछ नहीं कमाया है, केवल आपका प्यार कमाया है. अभी श्राद्ध चल रहे हैं, जैसे ही नवरात्रि शुरू होगी मैं घर छोड़ दूंगा. इन्होंने हमारे ऊपर सबसे कठोर कानून लगाया है.
जब मैं जेल से आया तो सोचा था कि जब तक कोर्ट मुझे बरी नहीं कर देता मैं दोबारा सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. तब मैंने तय किया कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा. दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इसके साथ जी भी नहीं सकता.
दिल्ली में बिजली फ्री करने के 3 हजार करोड़ रुपए लगते हैं. मुझे क्या जरूरत थी ये सब करने की, सारे पैसे खा जाता. इन लोगों की 22 राज्यों में सरकार है, लेकिन कहीं बिजली फ्री नहीं है. आप समझ जाओ फिर चोर कौन है.
RSS वाले कहते हैं कि वो राष्ट्रवादी हैं. देश भक्त हैं. मैं आज मोहन भागवत जी से पूरे सम्मान के साथ पूछना चाहता हूं कि जिस तरह से मोदी जी पूरे देश में लालच देकर या ED-CBI की धमकी देकर दूसरी पार्टी के लोगों और पार्टी कोतोड रहे हैं, सरकार गिरा रहे हैं, क्या आपको नहीं लगता कि ये देश के लिए खतरा है?

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