श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के भारत से कैसे रिश्ते? 7 महीने पहले दिल्ली में डोभाल और जयशंकर से हुई थी मुलाकात

श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी नेता अनुरा दिसानायके ने जीत दर्ज की है, वह श्रीलंका के 10वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. दिसानायके की जीत के बाद सवाल उठने लगे हैं कि भारत और श्रीलंका के संबंध कैसे होंगे? दरअसल अनुरा और उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (JVP) का रुख भारत विरोधी और चीन परस्त माना जाता है. जिसके चलते क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भारत की चिंता बढ़ सकती है.
बीते कुछ महीनों से बांग्लादेश से शेख हसीना सरकार के जाने के बाद, अंतरिम सरकार के साथ संबंध सामान्य करना भारत के लिए चुनौती साबित हो रही है, ऐसे समय में एक और पड़ोसी देश में भारत विरोधी पार्टी का सत्तासीन होना मुश्किल पैदा कर सकता है.
JVP का भारत विरोधी इतिहास
अनुरा दिसानायके और उनकी पार्टी को भारत विरोधी माना जाता है. वामपंथी झुकाव के कारण वो चीन के ज्यादा करीब पाए जाते हैं. अनुरा ने 1987 में JVP ज्वाइन की थी, इस समय श्रीलंका में भारत-विरोधी विद्रोह चरम पर था. उनकी पार्टी 1987 में हुए भारत-श्रीलंका समझौते का विरोध भी करती रही है. हालांकि अनुरा दिसानायके साल 2014 में पार्टी के प्रमुख बने और वह लगातार भ्रष्टाचार खत्म करने पर जोर देते रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान अनुरा ने श्रीलंका में अडाणी ग्रुप के विंड पावर प्रोजेक्ट को रद्द करने की भी बात कही है लेकिन वह श्रीलंका में चल रहे चीन के कई प्रोजेक्ट को लेकर भी ऐतराज जता चुके हैं.
अनुरा और उनकी पार्टी का मानना है कि हंबनटोटा और कोलंबो पोर्ट प्रोजेक्ट में पारदर्शिता की कमी है, माना जा रहा है कि अनुरा दिसानायके के लिए भ्रष्टाचार और पारदर्शिता बड़ा मुद्दा है लिहाजा किसी प्रोजेक्ट को रद्द करने की बजाय उनका फोकस उसमें सुधार करना हो सकता है. लेकिन ये सुधार भारत के नजरिए से बेहतर होंगे या नहीं ये तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगा.
भारत के साथ संबंधों पर क्या है रुख?
हाल के दिनों में भारत को लेकर अनुरा दिसानायके के रुख में बदलाव देखने को मिला है. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान साफ कर दिया था कि वे श्रीलंका के समुद्र, भूमि और हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल भारत और क्षेत्रीय सुरक्षा के खिलाफ नहीं होने देंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के बधाई संदेश का जवाब देते हुए भी अनुरा ने कहा है कि वह दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध हैं. अनुरा ने लिखा है कि, ‘हम साथ मिलकर अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं.’

Thank you, Prime Minister Modi, for your kind words and support. I share your commitment to strengthening the ties between our nations. Together, we can work towards enhancing cooperation for the benefit of our peoples and the entire region.
— Anura Kumara Dissanayake (@anuradisanayake) September 23, 2024

दिसानायके के रुख में बदलाव से सीधे संकेत मिलते हैं वह भारत सहित ग्लोबल प्लेयर्स के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, खास कर श्रीलंका की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उन्हें भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने होंगे.
क्या रुख में बदलाव की ये वजह है?
दरअसल श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की आहट से पहले ही भारत सरकार ने कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए थे, अनुरा दिसानायके करीब 7 महीने पहले सरकार के बुलावे पर भारत आए थे. अनुरा ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और NSA अजित डोभाल से मुलाकात की थी. उनके इस दौरे को भारत को लेकर JVP के बदलते रुख के तौर पर देखा गया. माना जाता है कि अनुरा दिसानायके के भारत दौरे के बाद उनकी पार्टी के रुख में तब्दीली आई है.
अनुरा ने भारत के कुछ आर्थिक-सामाजिक प्रयासों को श्रीलंका में लागू करने में दिलचस्पी दिखाई थी. यही नहीं कोलंबो लौटकर उन्होंने साल 2022 के आर्थिक संकट को दूर करने में भारत की भूमिका की सराहना भी की थी.
दरअसल जब साल 2022 में श्रीलंका आर्थिक-राजनीतिक संकट से जूझ रहा था तब भारत ने श्रीलंका को 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की आर्थिक और मानवीय सहायता दी थी. यही नहीं इस दौरान श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन प्रयासों का समर्थन भी किया था.
भारत ने दिए सकारात्मक संकेत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुरा दिसानायके को चुनाव में जीत की बधाई देते हुए भारत के लिए श्रीलंका के महत्व को रेखांकित किया है. पीएम ने लिखा है कि भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और विजन सागर में श्रीलंका का विशेष महत्व है. पीएम मोदी ने दोनों देशों के लोगों और क्षेत्रीय लाभ के लिए मिलकर काम करने पर बल दिया है. यही नहीं श्रीलंका में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने दिसानायके की जीत की घोषणा होते ही उनसे मुलाकात की और बधाई दी.
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत सरकार ने श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव से पहले ही संबंधों को बेहतर करने के लिए कूटनीतिक प्रयास शुरू कर दिए थे, अनुरा दिसानायके की भारत यात्रा उन्हीं प्रयासों का हिस्सा थी. वहीं अनुरा की जीत के बाद भारत की ओर से बधाई और सकारात्मक संदेश भी दिए हैं, लेकिन यह अनुरा दिसानायके पर निर्भर करता है कि वह भारत के साथ संबंधों को किस तरह आगे बढ़ाएंगे? क्योंकि बीते कुछ महीनों में मालदीव और बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के साथ संबंधों में तल्खी देखी गई है. उधर अनुरा की पार्टी JVP का पुराना इतिहास भारत विरोधी रहा है, ऐसे में यह अंदाजा लगाना मुश्किल होगा कि आने वाले दिनों में श्रीलंका और भारत के रिश्तों का भविष्य कैसा होगा?

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