श्रीलंका: समय से पहले होंगे संसदीय चुनाव, नए राष्ट्रपति का ऐलान-2 दिन में भंग कर दी जाएगी संसद

अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति की शपथ ले ली है. शपथ लेने के बाद दिसानायके ने कहा है कि वर्तमान संसद दो दिन में भंग कर दी जाएगी. इसी के साथ श्रीलंका में अब नवंबर महीने में संसदीय चुनाव होने के आसार हैं. चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी समन श्री रत्नायके ने मीडिया को बताया कि संसद भंग होने की तारीख से 52 से 66 दिनों के बीच संसदीय चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि अगला सामान्य संसदीय चुनाव अगस्त 2025 में होने वाला है.
56 साल के दिसानायके को सोमवार को राष्ट्रपति सचिवालय में मुख्य न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने श्रीलंका के नौवें राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने पहले भाषण में देश की जनता से कई वादे किए और उनका साथ देने की अपील की. मार्क्सवादी नेता दिसानायके ने सेंट्रल श्रीलंका के कैंडी शहर में कहा था कि मौजूदा संसद का जनादेश खत्म हो चुका है और वो अपनी जीत के साथ तुरंत संसद को भंग कर देंगे.
राष्ट्रपति के शपथ से पहले प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा
राष्ट्रपति चुनाव के बाद हुए देश में सत्ता परिवर्तन के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कुछ ही घंटों बाद दिसानायके का शपथ ग्रहण समारोह हुआ. 75 साल के गुणवर्धने जुलाई 2022 से देश के प्रधानमंत्री थे, गुणवर्धने ने दिसानायके को लिखे एक पत्र में कहा कि वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं, क्योंकि नए राष्ट्रपति का चुनाव हो चुका है और वह नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति के लिए माहौल तैयार करेंगे.
कार्यवाहक मंत्रिमंडल संभालेगा जिम्मेदारी
दिसानायके ने कहा कि वह अपने नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक नई असेंबली का गठन चाहते हैं. दिसानायके की जगह लेने वाले नए NPP सदस्य को सोमवार को संसद में राजपत्रित किया गया और उनकी नियुक्ति के साथ नई सरकार चार सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन करेगी. कार्यवाहक मंत्रिमंडल चुनाव होने तक कार्यभार संभालेगा. सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति मंगलवार को हो सकती है.
श्रीलंका संसद में कुल 225 सीटें
श्रीलंका में 225 संसदीय सीटें हैं और इसके लिए पिछला चुनाव अगस्त 2020 में हुआ था. देश में आर्थिक संकट आने के बाद 2022 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और परिणामस्वरूप गोटबाया राजपक्षे को सत्ता से बेदखल होना पड़ा. उसके बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था. शनिवार को चुनाव नतीजों में दिसानायके ने समागी जन बालवेगया (SJB) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को हराया था.

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