बांग्लादेश में हिंदू-मुस्लिम-क्रिश्चियन मारे गए… अमेरिका में मोहम्मद यूनुस का जबरदस्त विरोध, लोगों ने लगाए गंभीर आरोप
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे. जहां उन्हें लोगों के गुस्से, विरोध और गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा. अमेरिका में बांग्लादेशी नागरिक उस होटल के बाहर इकट्ठा हुए जहां प्रमुख मोहम्मद यूनुस पहुंचे थे और लोगों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर विरोध जताया और जमकर नारे बाजी की.
अमेरिका में बांग्लादेशी नागरिकों ने स्टेप डाउन के नारे लगाए और अपना आक्रोश जाहिर किया. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, डॉ. मोहम्मद यूनुस ने संविधान के खिलाफ जाकर सत्ता हासिल की है. उन्होंने गंदी राजनीति से सत्ता हासिल की है. साथ ही उन्होंने कहा, अभी तक हमारी चुनी हुई पीएम शेख हसीना ने इस्तीफा नहीं दिया है. उन्होंने यूएन से अपील की, हम नहीं चाहते कि मोहम्मद यूनुस यहां बांग्लादेशी लोगों का प्रतिनिधित्व करें.
हिंदू-मुस्लिम-क्रिश्चियन मारे गए
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, हम सेक्युलर लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं. जब से मोहम्मद यूनुस ने सत्ता हासिल की है, तब से देश में हिंदू, मुसलमान, ईसाई को मारे गए. हमारे लोग बांग्लादेश में सुरक्षित नहीं है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, मैं यहां बांग्लादेश के 117 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले अवैध, अनिर्वाचित व्यक्ति का विरोध करने के लिए हूं. उनको लोगों ने नहीं चुना है, उनको छात्रों ने नियुक्त किया है. उन्हें अल्पसंख्यकों या किसी की परवाह नहीं है. उन्होंने देश पर अवैध कब्जा कर लिया है.
शेख हसीना का किया समर्थन
इसी के साथ प्रदर्शनकारी देश की पूर्व पीएम शेख हसीना के समर्थन में खड़े नजर आए. उनके के हाथों में शेख हसीना के पोस्टर दिखाई दिए, जिस पर लिखा था हमारी पीएम शेख हसीना है और हम उनके साथ खड़े हैं.
तख्ता पलट के बाद संभाली देश की कमान
बांग्लादेश में लंबे समय तक चले छात्र आंदोलन के बाद देश में तख्ता पलट हुआ और तत्कालीन पीएम शेख हसीना देश छोड़ने पर मजबूर हो गई. इसी के बाद देश में एक बार फिर व्यवस्था और सिस्टम स्थापित करने के लिए 8 अगस्त को मोहम्मद युनूस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों के कड़े विरोध का