क्या होती है ‘ग्रीनवॉशिंग’? जिससे निपटने का प्लान बना रही है सरकार
भारत में 10 दिन से भी कम समय में फेस्टिव सीजन दस्तक दे देगा.नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही इसका आगाज हो जाएगा. जबकि कई बड़े ब्रांड्स से लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों की फेस्टिव सेल इस दौरान शुरू होने वाली है.ऐसे में सरकार ने आपको ‘ग्रीनवॉशिंग’ से बचाने के लिए कमर कस ली है. क्या आप जानते हैं कि ग्रीनवॉशिंग क्या होती है और ये आपको कैसे नुकसान पहुंचाती है?
जैसे-जैसे देश में लोगों का अपने स्वास्थ्य के प्रति रूझान बढ़ रहा है, बाजार में स्वास्थ्यवर्धक या पर्यावरण के लिए सुरक्षित प्रोडक्ट्स की भरमार हो गई है. कंपनियां अपने इन प्रोडक्ट की इस तरह मार्केटिंग करती हैं जैसे कि ये उत्पाद आपके लिए बहुत ही लाभकारी हों, जबकि असल में ऐसा होता नहीं है. इसी को मार्केटिंग की भाषा में ‘ग्रीनवॉशिंग’ कहा जाता है.
सरकार बना रही ग्रीनवॉशिंग से निपटने का प्लान
ग्रीनवॉशिंग के मसले पर उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की सचिव निधि खरे ने बड़ी जानकारी शेयर की है. उनका कहना है कि ग्रीनवॉशिंग का कोई आधार मौजूद नहीं है, लेकिन ये पूरी तरह से कारोबार करने का अनुचित तरीका है. उन्होंने कहा कि सरकार इसे लेकर गाइडलाइंस तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा. सरकार की ये गाइडलाइंस मिसलीडिंग एडवर्टाइजमेंट को भी रेग्युलेट करने का काम करेगी.
निधि खरे ने कहा कि जब इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियां और उससे जुड़े लोग अपने प्रोडक्ट को इस तरह से पेश करते हैं कि आम लोगों विश्वास हो जाए कि वह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, जबकि वास्तव में यह उसके उलट होता है. इसे ही ग्रीनवॉशिंग या हेल्थवाशिंग कहते हैं. सरकार इसे रोकने के लिए काम कर रही है.
दिवाली की सेल पर रहेगी सरकार की नजर
इतना ही नहीं कंज्यूमर सेक्रेटरी निधि खरे ने ये भी साफ किया कि फेस्टिव सीजन के लिए ई-कॉमर्स कंपनियां जो सेल लेकर आने वाली हैं, उस पर भी सरकार की कड़ी निगाह रहेगी. सरकार कंपनियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लोक-लुभावन ऑफर्स और फर्जी ऑफर्स पर नजर रखेगी और इसके खिलाफ कदम उठाएगी. इसके लिए सरकार दिवाली के त्योहार तक एक्शन ड्राइव भी चलाएगी.
निधि खरे ने कहा ग्राहकों को बेवकूफ बनाने वाले हर एक ऑफर पर सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कदम उठाएगी. ऐसे मामलों में सरकार अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का मुकदमा चलाने और जुर्माना लगाने का कदम उठा सकती है.