करतार सिंह तंवर की विधायकी खत्म, आप छोड़कर बीजेपी में हुए थे शामिल

दिल्ली के छतरपुरसे आम आदमी पार्टी के विधायक रहे करतार सिंह तंवर की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है. करतार सिंह तंवर ने 2020 में आप के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था, लेकिन इसी साल 10 जुलाई को उन्होंने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी.
गौरतलब है कि 10 जुलाई 2024 को करतार सिंह तंवर और आप के एक और नेता राजकुमार आनंद ने बीजेपी की सदस्यता ली थी. इसके बाद आप ने इन दोनों नेताओं की आलोचना की थी. आप नेता संजय सिंह ने तंवर और आनंद पर निशाना साधते हुए उन्हें अवसरवादी करार दिया था.
कौन हैं तंवर?
तंवर की राजनीति में एंट्री 2007 में हुई थी, जब वे भाटी वार्ड से पार्षद चुने गए थे. साल 2014 में उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की, जिसके बाद 2020 में वे छतरपुर से विधायक बने. हालाँकि, इससे पहले वे भारतीय जनता पार्टी से भी जुड़े रहे थे. राजनीति में आने से पहले तंवर दिल्ली जल बोर्ड में जूनियर इंजीनियर के पद पर काम कर रहे थे.
विवादों में कैसे आए?
तंवर का नाम विवादों में तब आया जब जुलाई 2016 में उनके दिल्ली स्थित फॉर्म हाउस और अन्य ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी. उस समय तंवर की 20 कंपनियां जांच के दायरे में थीं. आयकर विभाग ने दक्षिण दिल्ली के 11 जगहों पर छापेमारी की थी, जिसमें 100 से अधिक अधिकारी शामिल थे. यह मामला उस समय काफी सुर्खियों में रहा था. छतरपुर स्थित उनके आवास पर आयकर विभाग के छापों में 138 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति बरामद हुई थी. तंवर के भाई और नौकरानी के घर की भी तलाशी ली गई और वहां से भी दस्तावेज बरामद किए गए थे. अब तंवर की सदस्यता समाप्त होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगे किस प्रकार राजनीति में अपनी स्थिति मजबूत करते हैं, विशेषकर बीजेपी में शामिल होने के बाद.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *