नेतन्याहू ने ठुकराया सीजफायर प्लान, इजरायल-हिजबुल्लाह में जारी रहेगी जंग

अमेरिका-फ्रांस की ओर से 21 दिनों के सीजफायर प्रस्ताव की अपील को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने नकार दिया है. इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच हो रही जंग को रोकने के लिए यह सुझाव साझा किया गया था. लेबनान में हो रही बमबारी से लाखों लोग घर छोड़ने के लिए मजबूर हैं, साथ ही इस जंग में कई घायल हो चुके हैं और काफी की जान भी जा चुकी है.
न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए इजराइल के प्रधानमंत्री, बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका-फ्रांस के 21 दिनों के सीजफायर प्लान को मानने से साफ इनकार कर दिया है. नेतन्याहू का कहना है कि किसी भी हालत में इस जंग को नहीं रोका जाएगा और हिजबुल्लाह पर उनकी ओर से बमबारी होती रहेगी. ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सऊदी अरब, कतर जैसे कई और देश भी सीजफायर प्रस्ताव के समर्थन में हैं.
इस संबोधन से ठीक पहले इजराइली सेना की ओर से यह बात सामने आई थी कि हवाई हमले में हिजबुल्लाह ड्रोन कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरौर की मृत्यु हो गई है. इसे भी नेतन्याहू ने स्वीकार किया.
क्यों भेजा गया था युद्धविराम प्रस्ताव?
इजराइल-हिजबुल्लाह के बीच संबंध बेहद खराब होने से उनके बीच जंग चल रही है, जिसके चलते बहुत से मासूम अपनी जान से भी हाथ धो बैठे हैं. इस स्थिति को रोकने और शांति स्थापित करने के लिए अमेरिका-फ्रांस ने बुधवार को 21 दिनों के सीजफायर का प्रस्ताव रखा था. प्रस्ताव की अपील के बाद इजराइल ने इसमें कुछ खास रुचि नहीं दिखाई थी और अब प्रधानमंत्री नेतन्याहू के बयान के बाद यह बात एकदम साफ हो गई है कि इजरायल किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं है.
क्या थे बेंजामिन नेतन्याहू के शब्द?
संबोधन में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यह बात बोली कि हम पूरी ताकत से हिजबुल्लाह पर हमला जारी रखे हुए हैं और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम अपने सभी लक्ष्यों को पूरा नहीं कर लेते, उनमें से मुख्य है उत्तर में रहने वालों की सुरक्षित उनके घरों में वापसी. नेतन्याहू समेत इजराइल के अन्य नेता जैसे विदेश मंत्री इजराइल काट्ज़ और रक्षा मंत्री योव गैलेंट की प्रतिक्रिया से भी यही पता चल पाया कि देश जंग नहीं रोकेगा.
24 घंटे में 150 से ज्यादा लोग घायल
इस जंग के कारण लेबनान से बहुत से मामले आ रहे हैं. गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में इजराइली हमलों में देश में लगभग 92 लोग मारे गए और लगभग 153 घायल हुए हैं. वहीं, विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब का कहना है कि लगातार हो रही बमबारी के चलते देश के अंदर पांच लाख लोग विस्थापित भी हो गए हैं.

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