Explainer: PM Modi ने लॉन्च किए सुपरकंप्यूटर्स, कौन सी चीज बनाती हैं इन्हें ‘सुपरफास्ट’?
PM Modi ने तीन Supercomputers को लॉन्च किया है जिन्हें Param Rudra नाम दिया गया है. ये तीनों ही सुपरकंप्यूटर्स नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत 130 करोड़ रुपये की लागत से इंडिया में तैयार किए गए हैं. इन तीनों ही कंप्यूटर्स को साइंटिफिक रिसर्स, स्पेस रिसर्च, साइंस और हेल्थकेयर सेक्टर के लिए पुणे, कोलकाता और दिल्ली में तैनात किया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि Param Rudra Supercomputers और HPC सिस्टम के साथ, भारत कंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता, विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है. नेशनल सुपरकंप्यूटिंग मिशन के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और डिपार्टमेंट ऑफ साइंड एंड टेक्नोलॉजी (DST) के बीच कोलेब्रेशन किया गया है. इस मिशन का उद्देश्य पूरे भारत में एडवांस्ड कंप्यूटिंग सिस्टम का एक नेटवर्क बनाना है.
Prime Minister Narendra Modi ने सुपर कंप्यूटर्स तो लॉन्च कर दिए लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर सुपर कंप्यूटर्स होते क्या हैं? सुपरकंप्यूटर्स में ज्यादा स्टोरेज और फास्ट इनपुट और आउटपुट जैसी सुविधा मिलती है. ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिसमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल न होता हो, ऐसे में भारत का ये कदम बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
What is Super Computers
आसान भाषा में अगर आपको समझाएं तो सुपरकंप्यूटर एक पावरफुल और हाई-परफॉर्मेंस वाले सिस्टम होते है जो तेज स्पीड से डेटा और जटिल गणनाओं को प्रोसेस करने का काम करते हैं.
क्या आप जानते हैं कि सुपरकंप्यूटर को सुपर बनाने वाली चीज कौन सी है? एक सिस्टम में जब एक साथ कई प्रोसेसर को इंटरलिंक किया जाता है तब जाकर एक सिस्टम सुपर कहलाता है. प्रोसेसर की मजबूत क्षमता की बदौलत ही कोई भी कंप्यूटर चुटकियों में आपका काम बहुत ही आसानी से कर देता है.
Supercomputer Speed Measure: कैसी मापी जाती है स्पीड?
सुपर कंप्यूटर की तेज स्पीड को फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड (FLOPS) में मापा जाता है. आप लोगों के नॉर्मल कंप्यूटर की तुलना सुपर कंप्यूटर बहुत ही ज्यादा महंगे होते हैं.
दिसंबर 2023 तक दुनिया में सबसे तेज सुपरकंप्यूटर का खिताब Frontier सुपरकंप्यूटर के नाम है. ये सुपरकंप्यूटर Cray EX पर बेस्ड एक सिस्टम है जिसकी स्पीड Rmax of 1.102 exaFLOPS है यानी एक सेकंड में 1.102 quintillion फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन.
Supercomputers Work: कैसे काम करते हैं सुपरकंप्यूटर?
नॉर्मल कंप्यूटर की तुलना सुपरकंप्यूटर में एक से ज्यादा सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट का इस्तेमाल किया जाता है. प्रोसेसिंग यूनिट को कंप्यूट नोड्स के साथ पेयर किया जाता है, जिसमें कई प्रोसेसर लगे और मेमोरी ब्लॉक शामिल होता है. ये सभी चीजें जब एक-साथ मिलकर काम करती हैं तो मुश्किल से मुश्किल काम भी चुटकियों में पूरा हो जाता है.
Super Computers के फायदे
हाई स्पीड: सुपर कंप्यूटर में प्रोसेसर और बाकी पार्ट्स की वजह से ये सिस्टम बहुत ही तेजी से जटिल गणना को भी सुलझाने में सक्षम होते हैं जो आपका नॉर्मल कंप्यूटर नहीं कर पाता.
अधिक मेमोरी: नॉर्मल कंप्यूटर की तुलना सुपर कंप्यूटर में ज्यादा मेमोरी मिलती है, जिससे ये सिस्टम बड़े पैमाने पर डेटा को स्टोर और प्रोसेस करने का काम बहुत ही आसानी से कर पाते हैं.
मल्टी-प्रोसेसिंग: सुपर कंप्यूटर में एक नहीं बल्कि कई प्रोसेसर लगाए जाते हैं, जो मल्टी-टास्किंग करने में मदद करते हैं.
Super Computers के नुकसान
लागत: सुपरकंप्यूटर बनाने और बनाए रखने की लागत बहुत ही ज्यादा होती है, जिस वजह से बड़े संगठन या फिर सरकार ही इन कंप्यूटर्स को खरीद सकती है.
ऊर्जा खपत: नॉर्मल कंप्यूटर की तुलना सुपरकंप्यूटर बहुत ही ज्यादा बिजली की खपत करते हैं.
बड़ी जगह: नॉर्मल कंप्यूटर तो कम जगह में भी फिट हो जाता है लेकिन सुपरकंप्यूटर्स का साइज काफी बड़ा होता है, जिस वजह से इन सिस्टम को लगाने के लिए बड़ी जगह की जरूरत होती है.
कब शुरू हुआ नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन?
मोदी सरकार प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अनुसंधान को प्राथमिकता दे रही है. एक दौर था जब सुपरकंप्यूटर केवल गिने-चुने देशों की महारत माने जाते थे. भारत में 2015 में नेशनल सुपर कंप्यूटिंग मिशन की शुरुआत हुई और आज वो वक्त आ गया है जब भारत सुपरकंप्यूटर के साथ बड़े देशों की बराबरी कर रहा है.
पुणे में सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल फास्ट रेडियो बर्स्ट के अलावा विशाल मीटर रेडियो टेलीस्कोप और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए होगा. वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली में सुपरकंप्यूटर का इस्तेमाल परमाणु भौतिकी और इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर पदार्थ विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.