लेबनान में पेजर अटैक के बाद अमेरिका की बड़ी तैयारी, चीन के सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर पर लगाएगा बैन

अमेरिका ने चीन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर बैन लगाने की तैयारी कर ली है. यह फैसला लेबनान में हुए पेजर, वॉकी टॉकी और रेडियो ब्लास्ट के बाद लिया गया है. दरअसल 17 से 19 सितंबर तक लेबनान में जो हुआ उसने एक बड़ा सवाल पैदा कर दिया कि क्या जिंदगी आसान बनाने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स दुश्मन देश के लिए बम का इस्तेमाल कर सकते हैं?
अमेरिका ने इस खतरे को सबसे पहले आंका है. बताया जा रहा है कि बाइडेन सरकार ने चीन में बनी EV कारों ऐसे उपकरणों की जांच करवाई जो इंटरनेट या सैटेलाइट से जुड़ी हैं. बताया जा रहा है कि जांच में कुछ ऐसा पता चला है जिसके बाद ही सरकार ने चीन में बने सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को बैन करने का फैसला कर लिया है.
मेड इन चाइना प्रोडक्ट में धमाका होना आम
मेड इन चाइना सामान अपनी घटिया क्वालिटी के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. इसलिए चीन में बैटरी से चलने वाली स्कूटी, कार, बस और दूसरे ऐसे गजेट्स में धमाके होना आम बात है. इनमें चीन में बनी बैटरी लगी होती है. लेकिन बाकी दुनिया के लिए खतरा घटिया क्वालिटी के मेक इन चाइना प्रोटक्ट से ज्यादा बड़ा है.
कारों के रेडियो पर भी खतरा
अमेरिका की सुरक्षा एजेंसी ने जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक खतरा सिर्फ चीन में बने EV वाहनों की बैटरी तक ही सीमित नहीं है. कारों के म्यूजिक सिस्टम को ब्लूटूथ से जोड़ने वाले चाइनीज सॉफ्टवेयर खतरनाक साबित हो सकते हैं. इंटरनेट से कनेक्ट कार के सेंट्रल लॉक या रिमोट लॉक बड़ा खतरा बन सकता है. कारों को सेलुलर या वाई-फाई मॉड्यूल से कनेक्ट करने वाले सॉफ्टवेयर से भी खतरा हो सकता है. यहां तक कि इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में GPS जैसी सैटेलाइट कनेक्टिविटी देने वाले चीन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर भी बेहद खतरनाक हैं.
अमेरिका को क्यों लगाना पड़ा प्रतिबंध?
सवाल ये है कि कार या EV बाइक में इस्तेमाल होने वाले चीन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर. उस वाहन को चलाने वाले के लिए और पूरे देश के लिए इतना बड़ा खतरा कैसे बन गए कि अमेरिका को इन पर 100% प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला करना पड़ा. अमेरिका का कहना है कि ये कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है. क्योंकि अमेरिकी जांच एजेंसियों को पता चला है कि चीन में बने माइक्रोफोन, कैमरे, GPS ट्रैकिंग, ब्लूटूथ और सॉफ्टवेयर, जरूरत से बहुत ज्यादा जानकारियां हासिल कर रहे हैं. चीन के सॉफ्टवेयर लोगों के घर के पते से लेकर बेहद निजी व्यक्तिगत जानकारियों का डेटा इकट्ठा कर रहे हैं. मसलन कार, बाइक या मोबाइल में इनबिल्ट चीन के ये सॉफ्टवेयर स्कूल जाने वाले बच्चों तक की जानकारियों जुटा रहे हैं. जैसे बच्चों का स्कूल कहां है? उनके आने और जाने का वक्त क्या है? इसके अलावा चीन के ये सॉफ्टवेयर शहरों की संवेदनशील खुफिया जानकारियां भी चीन के सर्वर तक पहुंचा रहे हैं.
इन जानकारियों से क्या कर सकता है चीन?
अब सवाल ये है कि इन जानकारियों से चीन क्या कर सकता है. अमेरिका की जांच रिपोर्ट कहती है कि मेड इन चाइना हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर किसी भी शहर में बहुत घातक हालात पैदा कर सकते हैं. अचानक सड़कों पर चल रहे बहुत सारे वाहन बंद हो सकते हैं. उनसे जानबूझकर दुर्घटनाएं कराई जा सकती हैं. किसी खास मकसद को पूरा करने के लिए रास्ते जाम किए जा सकते हैं. यहां तक कि चीन के सॉफ्टवेयर के जरिये बैटरी को ओवरचार्ज करके धमाके किए जा सकते हैं. अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स ने कहा कि चीन के सॉफ्टवेयर पर प्रतिबंध 2027 से प्रभावी होगा और अमेरिका में चीन में बने हार्डवेयर को 2030 से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा.
-Tv9 ब्यूरो

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