हरियाणा में रिश्तों पर भारी सियासत! सात सीटों पर फैमिली फाइट से रोचक हुई लड़ाई

सियासत में न कोई अपना होता और न ही कोई पराया होता. वक्त और सियासी हालात को देखते हुए नेता अपना फैसला लेते हैं. राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं अक्सर रिश्तों पर भारी पड़ती है. ऐसा ही कुछ इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है, जहां ‘फैमिली फाइट’ ने चुनावी मुकाबले को टाइट ही नहीं बल्कि रोचक बना दिया है. इस बार हरियाणा के रण में सात सीटों पर चुनावी लड़ाई अपनों की अपनों के खिलाफ है, कहीं भाई-भाई के सामने तो कहीं चाचा-भतीजे एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में सात सीटों पर परिवार के सदस्य एक-दूसरे के सामने चुनावी रण में हैं. बल्लभगढ़ विधानसभा सीट पर दादा-पोती आमने-सामने हैं तो रानियां सीट पर दादा-पोता एक दूसरे को मात देकर विधायक बनने की जुगत में है. अटेली सीट पर ससुर-बहू एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे, बहादुरगढ़ में चाचा-भतीजा और पुन्हाना में चचेरे भाई आमने-सामने हैं.
दादा-पोती और दादा-पोता की लड़ाई
फरीदाबाद की बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मूलचंद शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं, जिनके खिलाफ कांग्रेस ने उनके परिवार के रिश्ते में पोती लगने वाली पराग शर्मा को उतार दिया है. पराग शर्मा के पिता पूर्व विधायक योगेश शर्मा बीजेपी प्रत्याशी मूलचंद शर्मा के चचेरे भतीजे हैं. इस तरह बल्लभगढ़ सीट पर दादा और पोती के बीच सियासी घमासान है.
इसी तरह से रानियां विधानसभा सीट पर विधायक रणजीत चौटाला के सामने उनके पोते अर्जुन चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं. चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला हैं और उनके सामने चुनाव लड़ रहे अर्जुन चौटाला इनेलो के उपाध्यक्ष अभय चौटाला के बेटे हैं. अभय चौटाला रणजीत चौटाला के बड़े भाई ओम प्रकाश चौटाला के बेटे हैं. इस तरह दादा और पोते की लड़ाई रानिया सीट पर बन गई है.
भाई-भाई और भाई बनाम बहन
डबवाली विधानसभा सीट पर भाई बनाम भाई ही नहीं बल्कि चाचा भी चुनौती मैदान में है. यह मुकाबला चौटाला परिवार के बीच है. डबवाली विधानसभा सीट पर इनोले से आदित्य चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला अपने चचेरे भाई दिग्विजय चौटाला से है. दिग्विजय चौटाला जेजेपी प्रमुख अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं. डबवाली का मुकाबला सिर्फ भाई बनाम भाई ही नहीं बल्कि कांग्रेस से अमित सिहाग चुनाव लड़ रहे हैं. सिहाग रिश्ते में दिग्विजय और आदित्य चौटाला के चाचा लगते हैं. इस तरह डबवाली का मुकाबाला दो भाईयों के साथ चाचा के बीच भी है.
तोशाम सीट पर मुकाबला भाई और बहन के बीच
तोशाम विधानसभा सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला भाई और बहन के बीच है. चौधरी बंसीलाल की सियासी वारिस को लेकर चुनावी फाइट है. बीजेपी के टिकट पर तोशाम सीट पर किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी चुनाव लड़ रही हैं तो कांग्रेस ने उनके सामने उनके चाचा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को उतार रखा है. बंसीलाल के एक बेटे की बेटी श्रुति हैं तो दूसरे बेटे के बेटा अनिरुद्ध हैं. इस तरह मुकाबला भाई और बहन के बीच है.
पुन्हाना विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला फैमिली फाइट में तब्दील हो गया है. बीजेपी ने एजाज खान को प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस से मो. इलियास चुनाव लड़ रहे हैं. इलियास और एजाज एक दूसरे के चचेरे भाई हैं. 2019 में इलियास कांग्रेस के टिकट पर विधायक बन थे, लेकिन इस बार उन्हें अपने चचेरे भाई से मुकाबला करना पड़ रहा है.
ससुर बनाम बहू के बीच मुकाबला
महेंद्रगढ़ की अटेली विधानसभा सीट पर इनेलो-बसपा गठबंधन से ठाकुर अतरलाल चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर उनके खिलाफ उनकी पुत्रवधू साधना निर्दलीय मैदान में उतरने से मुकाबला अब ससुर बनाम बहू के बीच हो गया है. ऐसे ही बहादुरगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस से राजेंद्र जून मैदान में है. राजेंद्र के खिलाफ उनके ही भतीजे राजेश जून ने ताल ठोक रखी है. इस तरह बहादुरगढ़ सीट पर चाचा बनाम भतीजे के बीच मुकाबला है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *