महिलाओं में पीसीओडी की बीमारी बन रही हार्ट अटैक का कारण, कैसे पीसीओडी से आ सकता है हार्ट अटैक, एक्सपर्ट्स से जानें

आमतौर पर माना जाता है कि पुरुषों में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है लेकिन अब पीरियड्स की अनियमितता के चलते हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा महिलाओं में भी बढ़ रहा है, जिसमें पीसीओडी, मोटापा और वायु प्रदूषण जैसे कारक जिम्मेदार हैं. यही वजह है कि पिछले कुछ समय में महिलाओं में होने वाली हार्ट अटैक से मृत्यु के मामलों में काफी उछाल देखा गया है. ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ के अनुसार, दिल से संबंधित बीमारियां भारतीय महिलाओं में मौत की एक बड़ी वजह हैं जिसमें 17 प्रतिशत से अधिक मौतें इसी वजह से होती हैं.
क्या है पीसीओडी
पीसीओडी एक लाइफस्टाइल डिजीज है जिसमें कई कारणों के चलते महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, इसमें अनहेल्दी लाइफस्टाइल, बाहर का जंक फूड ज्यादा खाना, कम नींद, स्ट्रेस और मोटापा मुख्य कारक हैं जिनकी वजह से पीसीओडी की समस्या होती है. यही वजहें आगे चलकर हार्ट अटैक का कारण बनती हैं. पीसीओडी आजकल महिलाओं में देखी जाने वाली सबसे कॉमन समस्या बनकर उभर रही है जिसमें वजन बढ़ना, इंसुलिन रेजिस्टेंस, प्री-डायबिटीज से लेकर डायबिटीज की स्थिति, एंड्रोजन की अधिकता जैसे लक्षण बेहद आम हैं. साथ ही एक्सपर्ट्स का मानना है कि पीसीओडी में रक्त वाहिकाओं और हृदय पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर वरूण बंसल बताते हैं कि पहले ये समझा जाता था कि जो प्रेमेनोपजल वुमेन है जिनमें ओवरी से एस्ट्रोजन हार्मोन निकल रहा है वो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से प्रोटेक्टेड रहती थी लेकिन अब रिस्क फैक्टर्स बदल रहे है क्योंकि महिलाओं में मोटापे की समस्या बढ़ गई है, पीसीओडी के मामले बढ़ गए हैं साथ ही वायु प्रदूषण के चलते ऐसी स्थिति बन गई है कि लंग्स ऐसा फील करते है जैसे कि वो एक्टिव या पैसिव स्मोकिंग कर रहे हों. तो ये सब फैक्टर्स के चलते युवा महिलाएं हॉस्पिटल्स में ज्यादा देखी जा रही हैं. जिनको की हार्ट प्रॉब्लम्स हो रही है इसलिए अपना ध्यान रखें, रोजाना एक्सरसाइज करें और वेट को कंट्रोल करें.
इसके अलावा महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या, डायबिटीज और डिस्लिपिडेमिया जैसे जोखिम कारक भी तेजी से बढ़ रहे हैं जो हार्ट से संबंधित बीमारियों का रिस्क बढ़ा रहे हैं.
पीसीओडी से बचने के उपाय
– वजन को नियंत्रित करें.
– रोजाना एक्सरसाइज करें.
– स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए योगा या मेडिटेशन का सहारा लें.
– रोजाना 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें.पीसीओ
– स्मोकिंग और ड्रिंकिंग न करें.

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