Narayanpur Encounter: नक्सलियों के खिलाफ देश में अबतक की सबसे बड़ी मुठभेड़, जानिए कब-कहां और कितने माओवादी हुए ढेर
छत्तीसगढ़ का बस्तर रीजन नक्सलियों का सबसे बड़ा गढ़ है. नक्सली यहां के जंगलों में पनाह लेकर सुरक्षाबलों पर हमले करते रहे हैं. नक्सलियों के ‘लाल आतंक’ को खत्म करने के लिए सुरक्षाबल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं. इस कड़ी में शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने 32 नक्सली मार गिराए हैं. ये आंकड़ा 40 पार होने की सूचना है, जो कि अबतक की सबसे बड़ी संख्या है. एक ऑपरेशन में इतने नक्सलियों का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है. ये वही रीजन है, जहां 2010 में नक्सलियों ने देश को न भूल पाने वाले जख्म दिए थे. आइए जानते हैं नक्सलियों के खिलाफ कब-कब बड़े ऑपरेशन हुए.
27 मार्च: बीजापुर के चिपुरभट्टी-पुसबाका के पास जंगल में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई थी. इसमें एक डिप्टी कमांडर समेत 6 नक्सली मारे गए थे. इसमें एक महिला भी थी. भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ था.
2 अप्रैल: बीजापुर के कोरचोली-लेंड्रा के जंगल में मुठभेड़ हुई थी. इसमें पुलिस ने 13 नक्सलियों को ढेर किया था. इसमें तीन महिला नक्सली भी थीं. इनके पास से हाईटेक वेपन भी मिले थे.
6 अप्रैल: तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर हुई मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए थे. मारे गए आतंकियों के पास से एके-47 जैसे घातक हथियार मिले थे.
16 अप्रैल: कांकेर में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. कई घंटे चले इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को मार गिराया था. 4 अक्टूबर से पहले नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की ये सबसे बड़ी सफलता थी. इसमें नक्सली कमांडर शंकर राव भी मारा गया था. उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था.
30 अप्रैल: बूझमाड़ के टेकामेटा के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए थे. इस इसमें 3 महिला और 7 पुरुष नक्सली थे. इसमें डीवीसीएम जोगन्ना और डीवीसीएम विनय उर्फ अशोक भी मारा गया था.
10 मई: बीजापुर जिले में पीड़िया के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लंबी मुठभेड़ चली थी. इसमें सुरक्षाबलों ने 12 नक्सलियों को मारा था. इस ऑपरेशन को 1200 जवानों ने अंजाम दिया था.
23 मई: नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन किया था.करीब 1 हजार जवानों ने अबूझमाड़ के जंगलों में सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसमें सुरक्षाबलों ने 7 नक्सलियों को मारा था.
25 मई: सुकमा और बीजापुर में हुई मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए थे. फिर 8 जून को अबूझमाड़ में चलाए गए ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 6 नक्सलियों को ढेर किया था. 10 मई को पुलिस ने बीजापुर में मुठभेड़ में 12 नक्सलियों को मार गिराया था. इसके बाद 15 जून को नारायणपुर में फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 8 नक्सलियों को मार गिराया था.
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा का लंबा इतिहास है.अप्रैल 2010 में दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर घात लगाकर हमला किया था. ये सुरक्षाबलों पर अबतक का सबसे बड़ा हमला था. इस हमले में सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हुए थे.24 अप्रैल 2017 में सुकमा में हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हुए थे. मार्च 2017 में सुकमा जिले में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इसमें सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे.फरवरी 2018 में सुकमा में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी. इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे.
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई आखिरी फेज में हैं. मार्च 2026 तक हम देश को नक्सलवाद से मुक्त कर देंगे. युवा हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में आएं. दो महीने पहले गृह मंत्री अमित शाह ने ‘लाल आंतक’ के खिलाफ सरकार के इरादे जाहिर कर दिए थे. उन्होंने नक्सलवाद का खात्मे के साथ ही इसमें शामिल लोगों से अपील भी की थी वो हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में आएं.