विटामिन डी की कमी से महिलाओं में हो जाती हैं ये बीमारियां, जानिए कैसे करें बचाव
विटामिन डी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक बेहद ही जरूरी न्यूट्रिएंट है इसकी कमी की वजह से कई समस्याएं हो सकती है पर देखा गया है कि भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं इस विटामिन की सबसे ज्यादा शिकार होती है. उम्र बढ़ने के साथ इस विटामिन की कमी ज्यादा देखी जाती है लेकिन महिलाओं में प्रेगनेंसी और बच्चे की डिलीवरी के बाद आमतौर पर विटामिन डी, कैल्शियम और आयरन की कमी होना शुरू हो जाती है और अगर इनका ध्यान न रखा जाए तो कई समस्याएं हो जाती हैं.
नेचर जर्नल में छपी रिसर्च के मुताबिक़, विटामिन डी की कमी से महिलाओं में हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ता है. प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कैल्शियम और विटामिन डी की कमी को प्री एक्लेप्सिया कहते हैं वही इस दौरान हुई डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं. वही कैल्शियम की कमी से आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है. आयरन की कमी शरीर में खून की कमी का कारण बनती है जिससे महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होना शुरू हो जाता है.
विटामिन डी की कमी क्यों होती है
– ज्यादातर समय बंद घरों में रहना महिलाओं में विटामिन डी की कमी को बढ़ा रहा है.
– वही ज्यादातर महिलाएं पूरे शरीर ढके कपड़े पहनती हैं जिससे सूर्य की किरणों का एब्जार्शन नहीं हो पाता, ये भी महिलाओं में विटामिन डी का कारण बन जाता है.
– बच्चों को दूध पिलाने वाली मांओं में कैल्शियम की कमी हो जाती है और शरीर में विटामिन डी के एब्जार्शन के लिए कैल्शियम बेहद जरूरी है. कैल्शियम की कमी भी विटामिन डी का कारण बन जाती है.
विटामिन डी की कमी से होने वाली परेशानियां
– विटामिन डी की कमी से महिलाएं अक्सर थकान और कमजोरी का शिकार रहती है. ज्यादा थकावट भी विटामिन डी की कमी से होती है
– विटामिन डी की कमी इम्यूनिटी को भी कमजोर करती है इससे महिलाएं अक्सर बीमार रहती हैं और किसी भी इंफेक्शन का जल्दी शिकार हो जाती हैं.
– विटामिन डी की कमी के कारण महिलाओं में अक्सर स्ट्रेस और डिप्रेशन के लक्षण भी देखे जाते हैं.
– हड्डियों का कमजोर होना भी विटामिन डी की कमी के कारण होता है, इससे हड्डियां और दांत कमजोर होते हैं और अक्सर हाथ, पैरों के जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है.
विटामिन डी की कमी कैसे पूरी करें
– विटामिन डी का सबसे बेहतरीन स्रोत सूर्य की किरणे हैं इसलिए प्रतिदिन आधे घंटे सुबह की धूप में बिताएं.
– विटामिन डी युक्त आहार का सेवन करें, खाने में अंडे, मछली, दूध की मात्रा अधिक लें.
– अगर विटामिन डी का स्तर काफी कम हो गया है तो आप विटामिन डी की दवाई का सेवन भी कर सकते हैं जिसे आप हफ्ते में एक बार ही खाएं तो बेहतर रिजल्ट देखने को मिलेंगे.