प्यार, धोखा और ब्लैकमेल…. आखिर क्यों हुए थे बेंगलुरु में महालक्ष्मी के 57 टुकड़े? ये है पूरी कहानी

आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के बेंगलुरु में बीते दिनों महालक्ष्मी (Mahalakshmi Murder Case) की 57 टुकड़ों में लाश मिली थी जिसके बाद पूरे देश में बवाल मच गया था. इस मामले में कई पहलू सामने आए, जिसके बाद आखिरकार असली आरोपी मुक्तिरंजन रॉय की पहचान हुई जिसने बाद में आत्महत्या कर ली. पुलिस ने इस केस की हर तरीके से जांच की लेकिन ये बात सामने नहीं आ पाई थी कि आखिर मुक्ति ने महालक्ष्मी की हत्या क्यों की… और अगर गुस्से में हत्या कर भी दी तो उसके इतने टुकड़े क्यों किए. अब पुलिस ने इस मामले का पूरा खुलासा कर दिया है कि आखिर मुक्ति रंजन ने इतनी विभत्स तरीके से महालक्ष्मी की हत्या क्यों की थी?
बेंगलुरु पुलिस ने मामले की जांच की और हत्या के पीछे की वजह का पता लगाया. लगभग, आठ महीने पहले महालक्ष्मी का अपने पति से झगड़ा हो गया था और वह नेलमंगला छोड़कर बेंगलुरु में आ गई थी एक नई जिंदगी की शुरूआत करने के लिए और यहां पर काम करने लगी थी. मुक्तिरंजन रॉय उसी कंपनी में फ्लोर मैनेजर के पद पर काम करता था, जहां महालक्ष्मी कार्यरत थी.
प्यार में बदल दोस्ती
जैसे-जैसे दिन बीतते गए, दोनों दोस्त बन गए. मुक्तिरंजन रॉय कभी-कभी महालक्ष्मी को घर छोड़ने भी जाता था. धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई, हालांकि, महालक्ष्मी ने मुक्ति को यह नहीं बताया था कि वह पहले से शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है. मुक्ति ने महालक्ष्मी के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा जिसके लिए महालक्ष्मी ने हामी भर दी थी. मुक्ति के दो भाई थे. एक भाई बेंगलुरु के हेब्बागोडी में मुक्ति के साथ रहता था जबकि, दूसरा भाई ओडिशा के गंजम में पढ़ाई कर रहा था. उसने अपने माता-पिता को शादी करने के बारे में बताया तो वो भी राजी हो गए थे.
महालक्ष्मी के व्यवहार पर शक
अगले कुछ दिनों में मुक्ति को महालक्ष्मी के व्यवहार पर शक होने लगा. शक करते हुए कि महालक्ष्मी का कहीं और भी संबंध है, एक दिन मुक्ति ने उसका मोबाइल फोन चेक किया तो उसे पता चला कि महालक्ष्मी तो शादीशुदा है और उसका एक बच्चा भी है. सब कुछ जानने के बाद भी मुक्ति रॉय ने महालक्ष्मी से दूरियां बना लीं. बाद में मुक्ति जिस कंपनी में काम करता था, उसी कंपनी में उसकी एक और युवती से दोस्ती हो गई. यह देखकर महालक्ष्मी ने युवती से झगड़ा किया और उसे मुक्ति से दोबारा बात न करने की चेतावनी दी. यह बात जानकर मुक्ति का महालक्ष्मी से झगड़ा हो गया.
मुक्ति ने महालक्ष्मी से कहा कि उसने अपनी शादी की बात उससे छिपाकर रखी है, इसलिए वो उससे शादी नहीं करेगा. महालक्ष्मी ने मुक्ति को इस बात का भरोसा दिलाया कि वो अपने पति को तलाक दे देगी, लेकिन रॉय फिर भी नहीं माना. इसके बाद महालक्ष्मी ने मुक्ति को धमकी दी कि अगर उसने उससे शादी नहीं की तो वो पुलिस में शिकायत दर्ज करा देगी. मुक्ति ये धमकी सुनकर काफी परेशान हो गया और साथ ही डर गया. महालक्ष्मी की हत्या से एक दिन पहले मुक्तिरंजन ने एक हफ्ते की छुट्टी ली और अपने घर हेब्बागोडी चला गया, लेकिन महालक्ष्मी उसके पीछे उसके घर गई और वहां मुक्ति से मिलने की जिद करने लगी. महालक्ष्मी ने हेब्बागोडी में मुक्ति के घर का कई बार दरवाजा खटखटाया लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला. लेकिन फिर मुक्ति ने महालक्ष्मी की बात मानी और दोनों ने बैठकर बातचीत की जिसके बाद दोनों में समझौता हो गया.
मुक्ति ने ऐसे किया महालक्ष्मी का कत्ल
महालक्ष्मी उस रात मुक्तिरंजन के साथ ही रही. अगले दिन वो दोनों वापस वैलिकावल में महालक्ष्मी के फ्लैट पर आ गए लेकिन उस रात फिर से दोनों के बीच झगड़ा हुआ. लड़ाई के दौरान महालक्ष्मी ने आरोपी मुक्ति को मारा. इससे नाराज होकर मुक्ति ने उसके चेहरे पर मुक्का मार दिया जिससे महालक्ष्मी बेहोश हो गई. बाद में मुक्ति ने महालक्ष्मी के चेहरे पर तकिया रखा और उसका कत्ल कर दिया. हत्या करने के बाद उसने सोचा कि यहां से कैसे भागा जाए. उसने सोचा कि शव को अगर ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा तो बदबू आएगी. उसने इंटरनेट पर एक वीडियो देखा कि शव को कैसे ठिकाने लगाया जाए. बाद में, उसे पता चला कि अगर वो इस शव को काटकर फ्रिज के अंदर रख देगा तो इसमें गंध नहीं आएगी. मुक्ति तुरंत बाहर गया और एक छुरी खरीद कर लाया. वो शव को वॉशरूम में ले गया और 57 टुकड़ों में काटकर फ्रिज में रख दिया. बाद में उसने वॉशरूम में एसिड डालकर खून के धब्बे साफ किए. ये सब उसने आधी रात तक किया.
कत्ल के बाद कहां-कहां गया आरोपी मुक्ति?
कत्ल करने और लाश के टुकड़ों को फ्रिज में रखने के बाद मुक्ति हेब्बागोडी में अपने घर वापस चला गया. उसने कमरा खाली किया और जो हाथ लगा लेकर वापस गांव चला गया. उसने बांग्लादेश जाकर छिपने की योजना बनाई थी. वो बाइक चलाकर 1660 किमी दूर भद्रक पहुंचा. गांव जाकर उसने अपनी मां को हत्या के बारे में बताया. तब उसकी मां ने उसे सलाह दी कि वह उनके साथ गंजम में जाकर रहे. वह रोजाना अपने मोबाइल पर कन्नड़ न्यूज चैनल लाइव देखता था. आखिरकार एक दिन चैनलों पर महालक्ष्मी हत्याकांड का मुद्दा आ ही गया. जांच टीमें आंध्र, पश्चिम बंगाल राज्यों में छापेमारी कर रही थीं. अब, उसे डर लगने लगा कि कभी ना कभी तो पुलिस उसतक पहुंच ही जाएगी. इसलिए, वह गंजम से दोपहिया वाहन पर भद्रक लौट आया. बाद में मुक्ति ने शहर के बाहर डेथ नोट लिखा और भद्रक में ही एक कब्रिस्तान में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

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