टूरिस्ट से शादी और फिर तलाक…इस मु्स्लिम देश में ऐसी मैरिज क्यों कर रहे हैं कपल?

शादी एक बहुत ही पवित्र बंधन होता है, जिसमें लड़का और लड़की पूरी जिंदगी साथ रहने का एक दूसरे से वादा करते हैं और साथ में परिवार शुरू करते हैं. कुछ शादी के रिश्तों में दिक्कतें आने के बाद कपल एक दूसरे से तलाक ले कर अलग भी हो जाते हैं, लेकिन आप यह जान कर हैरान हो जाएंगे कि इंडोनेशिया में प्लेजर मैरिज के नाम से एक प्रथा चल रही है, जहां छुट्टियों पर घूमने आए टूरिस्ट के साथ शादी की जाती है और फिर तलाक हो जाता है.
इंडोनेशिया में यंग महिला पैसों के बदले देश में मिडिल ईस्ट से घूमने आए लोगों से शादी करती हैं, यह एक शोर्ट टर्म शादी होती है. यह लड़कियां गरीब घरों की होती हैं जो पैसों के लिए ऐसा करती हैं.
क्या है प्लेजर मैरिज?
ईस्ट इंडोनेशिया में पुनाक नाम की जगह टूरिस्ट के लिए काफी फेमस है. यह एक पहाड़ी इलाका है जो लोगों को काफी पसंद आता है. यहां अरब के कई लोग आते हैं. इस जगह पर कोटा बुंगा नाम का एक पर्वतीय रिसॉर्ट है, जहां पुरुष टूरिस्ट को एजेंसियों के जरिए लोकल और यंग महिलाओं से मिलवाया जाता है और फिर पुरुष टूरिस्ट और महिला की शोर्ट टर्म शादी कराई जाती है.
इस शोर्ट टर्म मैरिज के लिए टूरिस्ट लोकल महिलाओं को पैसे देते हैं, जिसे पेड ब्राइड कहा जाता है. इसी के बाद एक छोटी सी सेरेमनी में दोनों की शादी कराई जाती है. यह शादी शोर्ट टर्म होने के चलते तब तक ही रहती है जब तक टूरिस्ट देश में रहता है और टूरिस्ट के देश छोड़ने के बाद दोनों के बीच तलाक हो जाता है.
अर्थव्यवस्था में ग्रोथ
लॉस एंजिल्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस शादी को प्लेजर मैरिज कहा जाता है. इस मैरिज के चलते जहां एक तरफ टूरिज्म को बढ़ावा मिला है, वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था में भी ग्रोथ देखी गई है. पहले इस प्रथा के लिए परिवार लड़कियों को टूरिस्ट से मिलाया करते थे लेकिन अब इसके लिए एजेंसियां बन गई है.
“15 बार हुई शादी”
एक महिला ने अपनी कहानी बताई जिसने महज 17 साल की उम्र में शोर्ट टर्म मैरिज की थी. महिला ने बताया वो अब तक मिडिल ईस्ट के टूरिस्ट्स के साथ 15 बार शादी कर चुकी है. उसकी पहली शादी 50 साल के एक सऊदी अरब के टूरिस्ट से हुई थी और उस समय महिला की उम्र 17 साल थी.
टूरिस्ट ने महिला को प्लेजर मैरिज के लिए 71 हजार 425 रुपये दिए थे. हालांकि, जो पैसे लोकल महिलाओं को शोर्ट टर्म पति देते हैं उसमें एजेंट का भी हिस्सा होता है. एजेंट को उसका हिस्सा देने के बाद महिला के पास 35 हजार 712 रुपये बचे थे. शादी के पांच दिन के बाद ही सऊदी टूरिस्ट वापस अपने देश चला गया था और दोनों के बीच तलाक हो गया था.
गरीबी है प्लेजर मैरिज की मजबूरी
लोकल महिला ने बताया अब तक वो प्लेजर मैरिज से 25 हजार और 42 हजार कमा चुकी है. घर में बुजुर्ग दादा-दादी है, वो इस पैसे से अपना घर चलाती है और दादा-दादी की खिदमत करती है. ऐसी ही एक कहानी एक और महिला ने सुनाई, जिसका नाम निसा है.
निसा ने बताया उनकी अब तक 20 बार शादी हुई है. हालांकि, अब निसा इस प्रथा को छोड़ चुकी है और उन्होंने एक इंडोनेशिया के पुरुष से शादी कर ली है. कपल के दो बच्चे भी है. साथ ही निसा ने कहा, वो अपनी पिछली जिंदगी में वापस नहीं जाना चाहती है.
कानून नहीं मानता प्रथा को वैध
इस शोर्ट टर्म मैरिज को मुताह निकाह कहा जाता है, जोकि शिया मुस्लिम की परंपरा में शामिल है. हालांकि, शिया मुस्लिम सहित इस्लामी विद्वान, इस प्रथा के खिलाफ हैं और इसको अनैतिक मानते हैं. साथ ही इंडोनेशिया का कानून इस प्लेजर मैरिज को वैध नहीं मानता है. इंडोनेशिया के विवाह कानूनों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाता है, जेल की सजा दी जाती है.

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