जापान के प्रधानमंत्री इशिबा ने संसद के निचले सदन को किया भंग, 27 अक्तूबर को होगा चुनाव
जापान के नए प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए संसद के निचले सदन को भंग करने का ऐलान कर दिया. अब जापान में 27 अक्टूबर को चुनाव होना तय हो गया है. निचले सदन को भंग करने के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों से सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति समर्थन की उम्मीद जताई. वहीं, विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री की आलोचना करते हुए कहा कि चुनाव समय से बहुत पहले कराया जा रहा है.
शिगेरू इशिबा पिछले सप्ताह ही प्रधानमंत्री बने थे. भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोप के बाद फुमियो किशिदा ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने तीन सालों तक पार्टी का नेतृत्व किया था.
यह चुनाव समय से पहले हो रहा है और इशिबा का निचले सदन में बहुमत हासिल हासिल करना मुख्य लक्ष्य है. इसके साथ ही शिगेरू इशिबा ने पार्टी नेतृत्व के लिए वोट जीतने की प्लानिंग शुरू कर दी है और अपनी योजना का ऐलान किया है.
अगले मंगलवार से शुरू होगा चुनाव प्रचार
बुधवार को मंत्रिमंडल ने चुनाव की तारीख की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इलेक्शन के लिए चुनाव प्रचार अगले मंगलवार से शुरू होगा. इशिबा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों की सहानुभूति और समझ के बिना राजनीति नहीं होगी. उन्होंने कहा कि शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए कूटनीति और रक्षा को संतुलित करना उनकी प्राथमिकता होगी.
प्रधानमंत्री इशिबा दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को लाओस जाएंगे. उस दौरान वह कई देशों के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत भी करेंगे.
जापानी मीडिया का कहना है कि प्रधानमंत्री के रूप में इशिबा की सार्वजनिक समर्थन रेटिंग केवल 50 प्रतिशत या उससे कम थी. यह किसी नए नेता के लिए सबसे कम स्तर है.
इशिबा ने अपनी पार्टी के पक्ष में मांगा समर्थन
इससे पहले संसद में अपने भाषण में उन्होंने एक मजबूत क्षेत्रीय सैन्य ढांचे और एक अधिक समान जापान-अमेरिका सुरक्षा गठबंधन पर जोर दिया था. उन्होंने विवाहित जोड़ों के लिए दोहरे उपनाम विकल्प जैसे मुद्दों को अपने भाषण में जिक्र नहीं किया. इशिबा ने कहा कि पार्टी के अंदर विचारों पर सहमति बनाने के लिए कुछ समय ले रहे हैं.
दिवंगत शिंजो आबे से प्रधानमंत्री इशिबा गुट के कैबिनेट मंत्रियों में कोई भी शामिल नहीं है. वह स्वच्छ राजनीति के प्रति अपना दृढ़ संकल्प दिखाया है. प्रस्तावित चुनाव में आबे गुट के कुछ सदस्यों का समर्थन नहीं करने की योजना पर वह काम कर रहे हैं. हालांकि विपक्षी पार्टियों का कहना है कि उनके इस कदम के पार्टी के अंदर काफी विरोध का सामनाा उन्हें करना पड़ सकता है.