गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकता है बाहर का बढ़ा हुआ तापमान, रिसर्च में दावा
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, ये बदलाव मानसिक रूप से लेकर शारीरिक तौर पर प्रभावित करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं ये गर्भावस्था के दिन मां के साथ-साथ बच्चे को भी प्रभावित करते हैं. जहां मां के खाने-पीने से लेकर मानसिक स्थिति का बच्चे के विकास पर असर देखने को मिलता है . वही अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि बाहर का तापमान भी बच्चे के विकास पर असर डालता है. एक शोध के मुताबिक बाहर का गर्म तापमान बच्चे की ग्रोथ के लिए हानिकारक होता है.
कई देशों में भीष्ण गर्मी पड़ती है ऐसे में ये शोध उन देशों के बच्चों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारी लेकर आया है. खासकर पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया में जहां बेहद भीष्ण गर्मी पड़ती है वहां के 600 से अधिक गर्भवती महिलाओं का प्रेगनेंसी के दौरान विश्लेषण किया गया और इस रिसर्च में पाया गया कि मां के प्रेगनेंसी के दौरान तेज गर्मी में रहने से गर्भ में पल रहे बच्चे और दो साल तक के छोटे बच्चों के मानसिक विकास पर काफी असर देखने को मिलता है.
क्या कहती है स्टडी
द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित इस शोध में पाया गया है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में औसत दैनिक गर्मी में अगर एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि भई बच्चे के वजन को कम करती है क्योंकि छोटे बच्चे या पेट में पल रहा शिशु उस तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता, जिससे उसकी ग्रोथ पर नेगेटिव असर पड़ता है. इस शोध में ब्रिटेन के लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने कुल 668 शिशुओं पर उनके जीवन के पहले 1,000 दिनों पर विश्लेषण किया जिनमें आधे लड़के और आधी लड़कियां शामिल थी.
तेज गर्मी बच्चे के विकास पर डालती है असर
इनमें से 66 शिशुओं का जन्म के समय वजन 2.5 किलोग्राम से भी कम पाया गया. जिसे शोधकर्ताओं ने औसत वजन से कम बताया है वही 9 बच्चों का जन्म समय से पहले हो गया. इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने पाया कि इन बच्चों द्वारा गर्मी का तनाव जन्म के बाद भी उन्हें प्रभावित कर सकता है. उच्च और सामान्य तापमान के संपर्क में आने वाले दो साल तक के बच्चों का वजन और ऊंचाई उनकी उम्र के अनुसार कम पाई गई. वही 6 से 18 महीने की आयु के बच्चे जिन्होंने तीन महीने तक तेज गर्मी का तनाव अनुभव किया, वे इससे सबसे अधिक प्रभावित पाए गए.
ये अपनी तरह का पहला शोध है जिसमें बाहरी तापमान भी गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को अवरूद्ध करने का परिणाम देता है. ऐसे में जब जलवायु परिवर्तन काफी तेजी से हो रहा है तो ऐसे में ये रिसर्च काफी चिंताजनक है.