चीन के खिलाफ भारतीय नौसेना को मिलेगा ‘ब्रह्मास्त्र’…अमेरिका ने MK-54 टॉरपीडो की बिक्री को दी मंजूरी

अमेरिकी सरकार ने भारत को MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो की बिक्री को मंजूरी दे दी है. भारतीय नौसेना को 175 मिलियन डॉलर (1468 करोड़ रुपये) की कीमत के 53 लाइटवेट टॉरपीडो मिलेंगे. इन्हें MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टर के साथ इस्तेमाल किया जाएगा जिन्हें हाल ही में भारतीय नौसेना ने बेड़े में शामिल किया है.
बाइडेन प्रशासन ने सोमवार को यूएस कांग्रेस को इस डील को लेकर नोटिफाई किया है. सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह बिक्री वॉशिंगटन की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों को संरेखित करती है.
‘भारत-अमेरिका की साझेदारी होगी मजबूत’
अमेरिका सरकार के मुताबिक इस बिक्री से अमेरिका और भारत की रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी. अमेरिका ने कहा है कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र और साउथ एशिया रीजन में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में भारत उसका एक अहम सहयोगी है और यह सौदा भारत को मजबूती प्रदान करेगा. अमेरिका के मुताबिक यह बिक्री इस क्षेत्र के आधारभूत सैन्य संतुलन को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेगी.
नोटिफिकेशन में कहा गया है कि प्रस्ताविक बिक्री से भारत को वर्तमान और भविष्य में उसके MH-60R हेलिकॉप्टर्स के लिए बढ़ रहे एंटी सबमरीन हथियारों के खतरे से निपटने की क्षमता में वृद्धि होगी.
सीहॉक हेलिकॉप्टर्स के साथ इस्तेमाल होंगे ‘टॉरपीडो’
दरअसल भारतीय नौसेना ने इसी साल मार्च में कोच्चि में INS गरुड़ा पर MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टर्स के पहले बेड़े को कमिशन्ड किया है. इस बेड़े में 6 MH-60R सीहॉक हेलिकॉप्टर्स शामिल हैं, जो कि हेलफायर मिसाइल, MK-54 टॉरपीडो और प्रिसिजन-किल रॉकेट से लैस होते हैं. भारत अगले साल तक सभी 24 सीहॉक हेलिकॉप्टर्स को बेड़े में शामिल करने की योजना बना रहा है. जिसमें मल्टी-मोड रडार और नाइट विजन डिवाइस भी शामिल हैं. यह फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ किए गए 2.13 बिलियन डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा है.
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत
हिंद महासागर में चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए सीहॉक हेलिकॉप्टर भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा किया है. यह हेलिकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर और फ्रंटलाइन वॉरशिप से भी ऑपरेट किया जा सकता है. इससे भारतीय नौसेना को समंदर में दुश्मन सबमरीन को पहचानने और टारगेट करने में मदद मिलती है.
वहीं अमेरिका से मिलने वाले MK-54 लाइटवेट टॉरपीडो मिलने से सीहॉक हेलिकॉप्टर्स की क्षमता बढ़ जाएगी. यह ऑटोमेटिक एंटी-सबमरीन वेपन है, जो पानी के अंदर अपने टारगेट को निशाना बना सकता है. ये बेहद हल्के होते हैं जिससे इन्हें हेलिकॉप्टर और जहाज से भी लॉन्च किया जा सकता है.

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