तेजी से बढ़ रहे डेंगू के केस, क्यों काबू में नहीं आती ये बीमारी?
देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कर्नाटक ने तो इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया था. देश की राजधानी दिल्ली में भी डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस साल अब तक 400 से अधिक केस आ चुके हैं और दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है. डेंगू के मामले हर साल ही आते हैं. इस बार लंबे चले मॉनसून के कारण बीमारी का खतरा और भी अधिक है. बीते साल भी डेंगू के मामले ज्यादा आए थे और मौतें भी हुई थी, लेकिन फिर भी इस बीमारी पर काबू नहीं पाया जा सका है. जब हर साल डेंगू के केस आते ही हैं और इसको लेकर बड़े स्तर पर लोगों को जागरूक भी किया जाता है तो फिर डेंगू कंट्रोल क्यों नहीं हो पाता है? ये एक बड़ा सवाल है. इसका जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बातचीत की है.
एकेडमी ऑफ फेमिली फिजिशियन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रमन कुमार बताते हैं कि बारिश के मौसम के बाद डेंगू के केस तेजी से बढ़ते हैं. इसका कारण यह है कि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है. बारिश के बाद जगह-जगह पानी का जमाव हो जाता है. इस जमे हुए पानी में ही डेंगू का मच्छर पनपनता है. हर साल बारिश होती है और पानी भी भरता है. लेकिन पानी की निकासी का सही समाधान न होने से थमे हुए पानी में मच्छर ब्रीडिंग करता है और ये मच्छर डेंगू का कारण बनता है.
डॉ. रमन कुमार के मुताबिक, डेंगू की रोकथाम के लिए सबसे जरूरी है कि इंफ़्रास्ट्रक्चर यानी बुनियादी ढांचा को सही तरीके से तैयार करें. शहरों और ग्रामीण इलाकों में पानी की निकासी से लेकर सीवर सिस्टम अच्छे रखें. जिससे पानी का जमाव न हो और डेंगू की रोकथाम को सके.
डॉ रमन कहते हैं कि हर साल डेंगू के केस इसलिए आते हैं क्योंकि पानी की निकासी का कोई ठोस समाधान नहीं है. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां महीनों तक पानी जमा रहता है. ऐसे में जरूरी है कि इस ओर ध्यान दें. अगर पानी जमा होना बंद हो जाएगा तो डेंगू को आसानी से काबू में किया जा सकता है.
जागरूकता बढ़ाने की जरूरत
लोग डेंगू को लेकर जागरूक जरूर है, लेकिन फिर भी कुछ मामलों में लापरवाही हो जाती है. जब सर्वे होता है तो कई घरों में डेगू का लार्वा मिलता है. ऐसे में जरूरी है कि लोग डेंगू को लेकर अलर्ट रहें और घर के अंदर या आसपास कहीं भी पानी को जमा न होने दें. क्योंकि डेंगू का मच्छर बहुत थोड़े पानी में भी पनप जाता है. इसलिए कूलर, गमले, प्लास्टिक की बोतलों तक में पानी जमा बिलकुल न होन दें.