गठिया के मरीजों को कौन-से योगासन करने चाहिए और कौन-से नहीं? एक्सपर्ट से जानें
गठिया जिसे अर्थराइटिस के नाम से भी जाना जाता है. ये एक गंभीर समस्या है. जो जोड़ों में सूजन, दर्द और जकड़न का कारण बन सकती है. गठिया के कई प्रकार होते हैं, जिनमें सबसे आम ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटॉयड आर्थराइटिस है. सेहत से जुड़ी इस समस्या के कारण लाइफस्टाइल बहुत प्रभावित होता है. उम्र बढ़ना, परिवार में किसी को ये समस्या होना, शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा ज्यादा बढ़ना, अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान जैसे इसके कई कारण हो सकते हैं.
गठिया को पूरी तरह से सही नहीं किया जा सकता है. लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जाता है. जिसके लिए दवाइयां और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना बहुत जरूरी है. साथ ही गठिया के दर्द को कम करने, मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए और मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए कई तरह के योगासन किए जा सकते हैं. गठिया के मरीज को बहुत सावधानी बरतनी होती है उनकी एक गलती इस समस्या को बढ़ा सकती है. ऐसे में कुछ योगासन ऐसे भी हैं जिन्हें गठिया के मरीज को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट से गठिया के मरीज को कौन-से योगासन करने चाहिए और कौन-से नहीं करने चाहिए.
न करें ये योगासन
योगा एक्सपर्ट संपूर्णा का कहना है कि गठिया एक वात रोग है जिनके शरीर में वात की प्रकृति ज्यादा है और गैस ज्यादा बनती है उन लोगों में जोड़ों की समस्या ज्यादा देखी जाती है. कई बार ये वात रोग इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इसके कारण पूरे शरीर जैसे कि कंधों, कमर, कोहनी और घुटनों में दर्द होता है. ज्यादातर मामलों के इसमें घुटनों में ज्यादा दर्द होता है ऐसे में जितने भी घुटनों को मोड़ने वाले आसन हैं जैसे कि आलती-पालथी में बैठना, वज्रासन जिसमें शरीर का पूरा भार घुटनों पर आता है जिससे समस्या ज्यादा बढ़ सकती है. ऐसे आसान जिससे घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ता यानी की पूरे शरीर का भार घुटनों पर जाता है जैसे कि त्रिकोणासन, कोणासन, उत्कृष्ट आसन, चेयर पोज या फिर गरुडासन जैसे कई योगासन गठिया के मरीज को नहीं करने चाहिए.
ये योगासन रहेंगे फायदेमंद
गठिया का एक कारण गैस बनना भी है. ऐसे में मरीज को ऐसे योगासन करने चाहिए जिससे शरीर में बन रही गैस को कम करने में मदद मिल सके. पवन मुक्त आसन, चाइल्ड पोज, रैबिट पोज, भुजंगासन और कपालभाति प्राणायाम जैसे योगासन करने चाहिए.
रखें इस बातों का खास ख्याल
– अगर किसी व्यक्ति को गैस के अलावा सर्वाइकल की समस्या भी है ऐसे में योगासन का थोड़ा वेरिएशन बदलना होगा. जैसे जिन लोगों को सर्वाइल की समस्या है उन्हें पवनमुक्त आसन करते समय गर्दन को नहीं उठाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से गर्दन पर ज्यादा स्ट्रेस आएगा जिसके कारण ये समस्या बढ़ सकती है.
– गठिया के मरीज को किसी भी योगासन को करते समय कई बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. अगर मरीज की कमर, पीठ और कंधों में ज्यादा दर्द हो तो योगासन करने से बचना चाहिए.
– योगासन करने के लिए अच्छी क्वालिटी के योगा मैट का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे फिसलने का डर न हो.
– योगासन को करते समय सही पोस्चर और ब्रीदिंग तकनीक का ख्याल रखें. इससे सेहत के साथ ही एनर्जी लेवल पर भी प्रभाव पड़ता है.
– किसी भी योगासन की शुरुआत करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेना चाहिए और उनकी निगरानी में ही योगासन को करने शुरुआत करनी चाहिए. वो आपकी स्थिति और गठिया के प्रकार के मुताबिक आपको सही योगासन करने की सलाह देंगे.
– किसी भी योगासन या एक्सरसाइज का अभ्यास करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें.