कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने की महासचिव पद से इस्तीफे की पेशकश, इन्हें किया टारगेट
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी को इस हारका अंदेशा नहीं था. परिणाम से पहले कांग्रेस अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त थी. यहां तक की नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जश्न की तैयारी भी कर दी थी. लेकिन नतीजों से ऐसा उलटफेर किया कि सब बेमानी हो गया. इस बीच पार्टी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने aicc के महासचिव पद से फिर इस्तीफे की पेशकश की है.
सुरजेवाला का मानना है कि, जो नियम कानून उदयपुर चिंतन शिविर में बने, जिन पर रायपुर अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका की मौजूदगी में मुहर लगी. उसी को स्वीकार करते हुए सुरजेवाला ने जवाबदेही और जिम्मेदारी का सवाल उठाते हुए पेशकश की. उनका कहना है कि 5 साल महासचिव रहने के बाद बदलाव पर मुहर लगी थी, वो इम्पलीमेंट हो.
मल्लिकार्जुन खरगे
रणदीप सुरजेवाला ने अपने इस्तीफे के जरिए तीन टारगेट लिए हैं. उनका पहला टारगेट मल्लिकार्जुन खरगे, दूसरा टारगेट केसी वेणुगोपाल,और तीसरा टारगेट अजय माकन हैं. उनका मानना है कि कांग्रेस पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत तय किया था, लेकिन ये सिद्धांत रसातल में चला गया है. पार्टी अध्यक्ष खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने हुए हैं.
केसी वेणुगोपाल
इसके साथ ही पार्टी के नेता केसी वेणुगोपाल पर भी उन्होंने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी के करीबी संगठन महासचिव इस पद पर पांच साल पार कर चुके हैं. ऐसे में जो चिंतन शिविर में नियम कानून तय किए गए थे अब उसके आधार पर फैसला होना चाहिए.
अजय माकन
इसके साथ ही सुरजेवाला ने कांग्रेस के सीनियर नेता अजय माकन की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि माकन महासचिव रहे, कोषाध्यक्ष हैं, लगातार तमाम राज्यों की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन हैं बावजूद इसके हार मिली है. ऐसे में उनकी जवाबदेही तय क्यों नहीं हैं.
पहले भी की थी इस्तीफे की पेशकश
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब रणदीप सुरजेवाला ने महासचिव पद से इस्तीफे की पेशकश की हो. इससे पहले कर्नाटक में सरकार बन जाने के बाद भी उन्होंने महासचिव पद को छोड़ने की बात कही थी. उस दौरान उन्होंने हरियाणा में फोकस करने का हवाला दिया था. उन्होंने कहा था की वो हरियाणा में होने वाले चुनाव में फोकस करना चाहते हैं इसलिए पद से इस्तीफा देना चाहते हैं. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने उनके इस्तीफे तो खारिज कर दिया था.