क्या काम करती है Tata Technologies, कैसे बदल दी टेक्नोलॉजी की तस्वीर?
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और मशहूर उद्योगपति रतन टाटा बेशक अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन रतन टाटा आज और हमेशा हम सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे. रतन टाटा ने कई कंपनियों को बुलंदियों तक पहुंचाया और इन्हीं में से एक कंपनी है टाटा टेक्नोलॉजी. टाटा टेक्नोलॉजी आखिर क्या काम करती है और इस कंपनी के पास कौन-कौन से पांच बड़े क्लाइंट्स हैं? आइए जानते हैं.
टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा को सन् 1989 में ही प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग आईटी स्पेस में अवसर नजर आ गया था, यही वजह रही कि 1989 में रतन टाटा ने Tata Technologies कंपनी की शुरुआत की थी. सन् 1989 से टाटा टेक्नोलॉजीज दुनियाभर में इंजीनियरिंग और डिजाइन सेवाओं में योगदान दे रही है.
क्या काम करती है Tata Technologies?
टाटा टेक्नोलॉजी अलग-अलग प्रोडक्ट्स के लिए सॉल्यूशन की फुल स्पेक्ट्रम कवरेज प्रदान करती है, जिसमें आउटसोर्स प्रोडक्ट इंजीनियरिंग सर्विस के अलावा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस और अपस्किलिंग सॉल्यूशन जैसे काम शामिल हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा टेक्नोलॉजी के टॉप क्लाइंट्स की लिस्ट में Tata Motors, Jaguar Land Rover के अलावा Airbus, Boeing और John Deer जैसे कंपनियां शामिल हैं.
टाटा टेक्नोलॉजी ने बदल दी टेक्नॉलिजी की तस्वीर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा टेक्नोलॉजी कंपनी टाटा मोटर्स के साथ मिलकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर भी काम करती है. इसके अलावा कंपनी ऑटोमोटिव और एयरोस्पेस इंडस्ट्री में इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और आईओटी सॉल्यूशंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मैशिन लर्निंग जैसे कामों में योगदान दिया है.
टाटा टेक्नोलॉजी के अलावा आईटी कंपनी की बात करें तो TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज) का भी नाम आता है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज एक आईटी सर्विसेज कंपनी है जो दूसरी कंपनियों को कंसल्टिंग और बिजनेस सॉल्यूशन प्रदान करने का काम करती है. 1968 में टीसीएस कंपनी को स्थापित किया गया था और TCS ने न केवल ग्राहकों को उनके व्यवसाय को बदलने में मदद की है बल्कि टीसीएस पिछले 56 वर्षों से दुनिया के कई सबसे बड़े व्यवसायों के साथ जुड़ी हुई है.