Ratan Tata की इस टेलीकॉम कंपनी ने कर दिया था कमाल, सस्ता हो गया था फोन पर बात करना

रतन टाटा देश के सबसे बड़े प्रतिष्ठित कारोबारी दिग्गजों में से एक थे, कुछ दिनों पहले ब्लड प्रेशर की समस्या के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन लाख-कोशिशों के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ जिस वजह से अब रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे. बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जो इस बात को जानते होंगे कि रतन टाटा ने एक ऐसी टेलीकॉम कंपनी को खड़ा किया था जिसने टेलीकॉम सेक्टर में छाप छोड़ दी थी.
बहुत से लोग लेकिन ऐसे भी हैं जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि आखिर ये टेलीकॉम कंपनी थी कौन सी? आप भी अगर इस सवाल के जवाब से अंजान हैं तो हमारे साथ बने रहिए, हम आज आपको इस बताएंगे कि कौन सी थी ये टेलीकॉम कंपनी, कब शुरू हुई और कैसे इस कंपनी ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई?
Tata Docomo Journey Begins: कब हुई कंपनी की शुरुआत?
टाटा डोकोमो की शुरुआत कहां से हुई, इसे समझने से पहले ये समझना जरूरी है कि आखिर टाटा डोकोमो ही नाम क्यों पड़ा? जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो ने टाटा ग्रुप की दूरसंचार शाखा में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2.7 बिलियन डॉलर का निवेश करने की सहमित बनी, जिसके बाद कंपनी को नाम मिला टाटा डोकोमो.
दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाया और टाटा का मकसद इस टेलीकॉम कंपनी के जरिए लोगों तक अर्फोडेबल प्लान्स को पहुंचाना था. ऐसा इसलिए क्योंकि उस दौर में बाकी कंपनियों के टेलीकॉम प्लान्स काफी महंगे हुए करते थे. कंपनी ने जून 2009 में कॉलिंग के लिए एक पैसा प्रति सेकंड बिलिंग वाला प्लान पेश किया था.
प्रति सेकंड वाले प्लान से पहले न्यूनतम समय सीमा एक मिनट की थी. इसका मतलब कि यूजर्स को चाहे 10 सेकंड बात करनी है तो भी उन्हें प्रति मिनट के हिसाब से चार्ज देना पड़ता था. इस प्लान से रतन टाटा की कंपनी को खूब फायदा हो रहा था लेकिन रतन टाटा ने लोगों का फायदा देखा और प्रति मिनट वाले प्लान के बजाय प्रति सेकंड वाले प्लान को शुरू किया.
Tata Docomo ने लॉन्च के सिर्फ पांच ही महीने में 10 मिलियन ग्राहकों को नेटवर्क से जोड़ लिया था. टाटा डोकोमो को देखते हुए Vodafone Idea और Airtel जैसी कंपनियों ने भी प्रति सेकंड वाले प्लान्स को लॉन्च किया. टाटा डोकोमो ने यूजर्स के लिए डाइट SMS पैक भी उतारा, इस एसएमएस पैक में अक्षरों की संख्या के आधार पर शुल्क लेने का फैसला लिया गया.
क्यों बंद हो गई Tata Docomo?
कम टैरिफ की वजह से भारतीय बाजार में टाटा डोकोमो ने बहुत ही कम समय में पैर जमा लिए थे. 2010 में ये कंपनी 3जी सर्विस देने वाली पहली प्राइवेट कंपनी भी बन गई थी. लेकिन कंपनी को लगातार घाटा होता चला गया जिस वजह से 2014 में NTT डोकोमो इस वेंचर से बाहर हो गई.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *