कोरोना महामारी में देश की मदद के लिए रतना टाटा ने खोल दिया था अपना खजाना
कोरोना महामारी का वो दौर शायद ही कोई भुला पाए. लोगों ने उस समय काफी मुश्किल समय देखा और काफी परेशानियों का सामना किया. एक तरफ महामारी का प्रकोप था वही लोग सड़कों पर भूखे मरने को मजबूर थे. ऐसे में देश के सबसे बड़े उद्योगपति घराने ने आगे आकर लोगों की मदद की और 1500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की. ये घराना था टाटा ग्रुप जिसकी बागडोर रतन टाटा के हाथ में थी. इस मुश्किल समय में वो अपने कर्मचारियों के साथ साथ पूरे देश के लिए खड़े रहे. रतन टाटा को इसी दरियादिली के लिए पूरा देश सलाम करता है.
आज जब रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे. हर देशवासी की आंखें उन्हें याद कर नम है. चाहे मुंबई 26/11 का वो अटैक हो जिससे पूरी मुंबई मानो रुक सी गई थी या फिर कोरोना महामारी का मुश्किल समय. रतन टाटा ने सदैव अपना खजाना देश की मदद के लिए खुला रखा है. यही कारण है कि टाटा ग्रुप ने देश की मदद के लिए कई बड़ी पहल की और हर मुश्किल समय में देश को अपनी सहायता प्रदान की.
कोरोना महामारी के दौरान देश की मदद
कोरोना की ही बात करें तो उस समय रतन टाटा ने कई महत्वपूर्ण योगदान दिए-
– वित्तीय सहायता: टाटा समूह ने कोरोना महामारी के दौरान देश को बड़ी मात्रा में वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे देशभर के कई लोगों को इस मुश्किल समय में मदद मिली.
– चिकित्सा सुविधाएं: टाटा समूह ने कोरोना महामारी के दौरान कई प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की, जिससे कोरोना के समय देश के कई लोगों को मुफ्त इलाज मिल पाया.
– भोजन और आश्रय: टाटा समूह ने कोरोना महामारी के दौरान गरीब और असहाय लोगों को मुफ्त भोजन और आश्रय भी प्रदान किया, जिससे देश के कई लोगों को बड़ी सहायता मिली.
देश की मदद टाटा ग्रुप की मानसिकता
इसके अलावा कोविड के समय टाटा ग्रुप ने अपने कर्मचारियों के लिए भी खास मदद का ऐलान किया था. इसके साथ ही टाटा ग्रुप ने देश में कई परियोजनाओं के लिए भी समय समय पर करोड़ों रुपये का योगदान दिया. टाटा ग्रुप का मानना है कि सहयोग करना ही इस ग्रुप की मानसिकता है और कोविड के दौरान इस मानसिकता को उन्होंने यथार्थ करके भी दिखाया.
पीपीई किट कराई उपलब्ध
उस समय के बारे में बताया जाता है कि देश में कोविड के दौरान जब वेंटिलेटर, पीपीई किट, मास्क, दस्ताने और ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी तब टाटा ग्रुप ने चीन व अन्य देशों से हेल्थ इक्विपमेंट्स ऑर्डर किए और एक हजार से अधिक वेंटिलेटर और रेस्पिरेटर, 4 लाख पीपीई किट, 3.5 मिलियन मास्क और दस्ताने, 3.5 लाख टेस्टिंग किट देश में मंगवाए. जिस तरह रतन टाटा की कंपनी ने देश की इस मुश्किल समय में सेवा की उसे याद कर आज भी देश का हर शख्स उनका दिल से आभार प्रकट करता है.
नहीं रहे देश के रतन
86 वर्षीय रतन टाटा पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, सोमवार को उन्हें लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के साथ ब्रीच कैंडी अस्पताल भी भर्ती कराया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए रतन टाटा ने अपनी हालत को ठीक बताया था और लोगों से उनकी सेहत को लेकर चिंता न करने की भी अपील की थी. रतन टाटा ने साथ ही ये भी लिखा था कि वो अपने रेगुलर मेडिकल चेकअप के लिए ही अस्पताल आए थे. लेकिन बुधवार देर रात ब्रीच कैंडी अस्पताल से उनके निधन की खबर सामने आई. जो देश के लिए एक बड़ी क्षति से कम नहीं है.