मदरसा शिक्षकों का वेतन बढ़ा… महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार का बड़ा फैसला
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार के कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है. गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कुल सोलह बड़े फैसले किये गये, जिनमें महाराष्ट्र में मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब ज्यादा वेतन देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई और मदरसों में शिक्षकों के वेतन में बढ़ोत्तरी की गई. इसके साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग के क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया.
बता दें कि महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव के ऐलान होने हैं. विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने मुस्लिमों और अन्य पिछड़े वर्ग को लुभाने के लिए बड़ा कार्ड खेला है.
बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने 15 जातियों को अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश भेजी थी. महाराष्ट्र में मराठा को ओबीसी में शामिल करने की मांग को लेकर मराठा नेता मनोज जरांगे लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था कि मराठा समुदाय को क्यों नहीं ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश की गई.
मदरसा शिक्षकों के वेतन में इजाफा
कैबिनेट के फैसले के अनुसार महाराष्ट्र में डीएड, और बीएड शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन में बढ़ोतरी का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.
डॉ जाकिर हुसैन मदरसा आधुनिकीकरण योजना में राज्य के मदरसों में पारंपरिक, धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ गणित, विज्ञान, समाजशास्त्र, हिंदी, मराठी, अंग्रेजी और उर्दू की शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है.
वर्तमान में डीएड शिक्षकों को 6 हजार रुपये वेतन दिया जाता है. इसे बढ़ाकर 16 हजार रुपये करने का फैसला किया गया. बीएड, बीएससी-बीएड शिक्षकों का वेतन 8 हजार रुपये से बढ़कर 18 हजार रुपये करने का फैसला किया गया.
नॉन क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने अनुरोध
मंत्रिमंडल की बैठक में ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर की सीमा आठ लाख से बढ़ाकर पंद्रह लाख रुपए करने की सिफारिश की गई. केंद्र सरकार से नॉन क्रीमी लेयर की आय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करने का फैसला लिया गया.
केंद्र सरकार को उन लोगों के लिए आय सीमा आठ लाख से बढ़ाकर पंद्रह लाख रुपये करने की सिफारिश की जाएगी, जो उन्नत और उन्नत समूह (नॉन-क्रीमी लेयर) के अंतर्गत नहीं आते हैं. इसके साथ ही बैठक में दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न देने की सिफारिश की गयी.